iGrain India - मुंबई। स्वदेशी वनस्पति तेल के उद्योग एवं व्यापार क्षेत्र की एक अग्रणी संस्था-सालवेन्ट एक्स-टैकटर्स एसोसिएशन ऑफ इण्डिया (सी) ने केन्द्र सरकार से मंडियों में तत्काळ हस्तक्षेप करने और किसानो से 5650 रूपए प्रति क्विंटल के नूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर रबी सीजन की सबसे प्रमुख तिलहन फसल -सरसों की तत्काळ खरीद आरंभ करने का आग्रह किया है।
सरसों का थोक मंडी भाव घटकर न्यूनतम समर्थन मूल्य से काफी नीचे आ गया है जिस पर गंभीर चिन्ता व्यक्त करते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा है कि किसानो को औने-पौने दाम पर अपना उत्पाद बेचने के लिए विवश होना पड़ रहा है। किसान न केवल चिंतित है बल्कि आक्रोश में भी है। सरकार को अविलम्ब अपनी अधीनस्थ एजेंसी -नैफेड को सरसों की खरीद के लिए मंडियों मैं प्रवेश करने का निर्देश देना चाहिए ताकि किसानों को कम से कम एमएसपी का लाभ हासिल हो सके।
एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा है कि वर्तमान रबी मार्केटिंग सीजन में और खासकर फसल की कटाई-तैयारी के दौरान सरसों का भाव घटकर एमएसपी से नीचे आना गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। हालांकि चालू सीजन के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर सरसों का बिजाई क्षेत्र बढ़कर 100 लाख हेक्टेयर के नए रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया लेकिन यदि किसानो को आकर्षक एवं लाभप्रद मूल्य हासिल नहीं हुआ तो इस तिलहन के क्षेत्राफल में ठहराव आ सकता है। इससे किसानों चिंता एवं मायूसी हो सकती है।
राजस्थान, उत्तरप्रदेश, मध्य्प्रदेश, हरियाणा एवं गुजरात सहित देथ के अन्य प्रमुख सरसों उत्पादक प्रान्तों की महत्वपूर्ण मंडियों में भाव घटकर 5000-5100 रूपए प्रति क्विंटल या उससे भी नीचे आ गया है। मंडियो में सरसों की आवक बढ़ती जा रही है।