iGrain India - नई दिल्ली। हालांकि प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में उम्मीद के अनुरूप गेहूं के नए माल की आवक नहीं हो रही है और पंजाब-हरियाणा तथा राजस्थान के कुछ भागों में आंधी-वर्षा तथा ओलावृष्टि के कारण फसल के प्रभावित होने की सूचना भी मिल रही है लेकिन फिर भी इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न के दाम में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है।
दिल्ली
23 से 27 मार्च वाले सप्ताह के दौरान दिल्ली में यूपी / राजस्थान के गेहूं का भाव 25 रुपए गिरकर 2525/2550 रुपए प्रति क्विंटल रहा गया लेकिन इंदौर में 200 रुपए उछलकर 2200/3000 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया। इसी तरह हरदा में भाव 100 नीचे तथा उज्जैन में 150 रुपए ऊपर रहा / भोपाल में भाव 200 रुपए प्रति क्विंटल घट गया।
राजस्थान
राजस्थान में गेहूं का दाम कोटा में 200 रुपए, बूंदी में 150 रुपए तथा बारां मंडी में 91 रुपए प्रति क्विंटल नीचे आया जबकि उत्तर प्रदेश की विभिन्न मंडियों में भी गेहूं के दाम में 25 से 80 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई। महाराष्ट्र की जालना मंडी में भाव स्थिर रहा।
उत्पादन
केन्द्र सरकार गेहूं की खरीद बढ़ाने का हर संभव प्रयास कर रही है जबकि वह इसका मंडी भाव नीचे रखने की कोशिश भी जारी रखे हुए है। गेहूं का सरकारी उत्पादन अनुमान इस बार 1120 लाख टन से कुछ ऊपर है मगर व्यापारिक अनुमान 1020-1040 लाख टन के बीच बताया जा रहा है।
स्टॉक
केन्द्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक घटकर गत 16 वर्षों के निचले स्तर पर आ गया है। सरकार ओएमएसएस के तहत प्रमुख उत्पादक राज्यों में गेहूं की बिक्री स्थगित कर चुकी है और अब इसकी स्टॉक पोजीशन की साप्ताहिक घोषणा का अनिवार्य नियम भी 1 अप्रैल से लागू होने वाला है। इसके बावजूद कई मंडियों में गेहूं का दाम एमएसपी से ऊंचा चल रहा है।