iGrain India - रांची । केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने राजस्थान के भरतपुर में अवस्थित सरसों रेपसीड अनुसन्धान निदेशालय (डीआरएमआर) को झारखंड में सरसों की उपज दर एवं पैदावार बढ़ाने का दयित्व सौंपा है।
डीआरएमआर के निदेशक का कहना है कि यद्यपि प्रांतीय स्तर पर झारखंड में सरसों की औसत उपज बहुत कम महज 8-17 क्विंटल प्रति हेक्टेयर ही है मगर धरावकेला सरसों जिले में यह 13 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
इससे यह उम्मीद बंधती है कि अगर गुमला तथा गिरीडीह जैसे जिलों पर विशेष ध्यान दिया जाए,जहां औसत उपज दर मात्र 4.2-4.3 क्विंटल प्रति हेक्टेयर ही है तो प्रांतीय स्तर पर कुल उत्पादकता में बढ़ोत्तरी हो सकती है।
निदेशक के मुताबिक झारखंड में सरसों (तोरिया सहित) की उपज दर 36 प्रतिशत तक बढ़ाई जा सकती है यदि विभिन्न जिलों के बीच इसके भारी अंतर को पार कर दिया जाए।
पायलट प्रोजेन्ट एवं अध्ययन से पता चलता है कि यह जन्य हासिल होने योग्य है मगर इसके लिए उपयुक्त श्रेणी के उन्नत नए बीज का इस्तेमाल बढ़ाए जाने की जरूरत है।