iGrain India - नई दिल्ली । मौसम विभाग ने अगले तीन चार दिनों के दौरान देश के पश्चिमोतर एवं पूर्वोत्तर राज्यों में तेज हवा के साथ बारिश होने तथा पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी होने की संभावना व्यक्त की है जो प्रमुख रबी फसलों गेहूं, सरसों, चना तथा जौ आदि के लिए नुकसान दायक साबित हो सकती है। राजस्थान में जीरा एवं धनिया की फसल भी खेतों में खड़ी है।
पंजाब-हरियाणा में गेहूं की फसल पकने लगी है और इसकी छिटपुट कटाई-तैयारी भी आरंभ हो गई है। हरियाणा में सरसों का उत्पादन बढ़े पैमाने पर होता है जबकि राजस्थान तो इसका सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त है।
मार्च के अंतिम दिनों में पंजाब- हरियाणा के कई जिलों में आंधी-तूफान एवं वर्षा का प्रकोप रहा और कहीं-कहीं ओले भी गिरे थे। इससे गेहूं की फसल कुछ हद तक प्रभावित होने की आशंका है।
अब मौसम विभाग ने एक बार फिर वहां 4 अप्रैल तक बेमौसमी वर्षा होने का अनुमान व्यक्त किया है। इस अवधि के दौरान हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर एवं राजस्थान के कुछ भागों (जयपुर एवं बीकानेर संभाग) में भी वर्षा होने की चेतावनी दी गई है।
पूर्वोत्तर भारत के लगभग सभी राज्यों- आसाम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय एवं त्रिपुरा में भी 4 अप्रैल तक बारिश होने की संभावना है।
वैसे इस क्षेत्र में आसाम को छोड़कर अन्य राज्यों में रबी फसलों की खेती सीमित क्षेत्रफल में होती है और इसलिए वहां इसके नुकसान की ज्यादा चिंता नहीं है। लेकिन पश्चिमोतर राज्यों में क्षति का दायरा बढ़ सकता है।