iGrain India - नई दिल्ली । शुरूआती संकेतों से पता चलता है कि चालू रबी मार्केटिंग सीजन में गेहूं की कुल सरकारी खरीद 2022 एवं 2023 के मुकाबले अधिक होगी। इस बार नियत समय से पहले ही खरीद की प्रक्रिया शुरू की गई।
31 मार्च तक कुल आवक के 31 प्रतिशत गेहूं की खरीद हो गई। पिछले साल की सामान अवधि में 13 प्रतिशत से भी कम गेहूं खरीदा गया था। चालू सीजन में मार्च के दौरान 8.26 लाख टन गेहूं की आवक हुई जो गत वर्ष से 3 प्रतिशत अधिक रही। सरकारी खरीद ज्यादा होने से संकेत मिलता है कि सरकार ने प्राइवेट व्यापारियों को जो निर्देश दिया है उसका अपेक्षित असर पड़ रहा है।
केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि 31 मार्च 2024 तक गेहूं की सरकारी खरीद बढ़कर 2.56 लाख टन पर पहुंच गई जो पिछले साल की खरीद 98,500 टन से ढाई गुणा ज्यादा है।
चालू सीजन के दौरान मध्य प्रदेश में 2.52 लाख टन, राजस्थान में 3325 टन तथा उत्तर प्रदेश में 147 टन गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है।
एक अग्रणी प्राइवेट कम्पनी के सीएफओ का कहना है कि जिस तरह से निजी व्यापारियों की खरीद का प्रदर्शन धीमा चल रहा है उससे प्रतीत होता है कि इस बार गेहूं की सरकारी खरीद निश्चित रूप से पिछले साल से ज्यादा होगी।
ज्ञात हो कि गत वर्ष सरकार को 262 लाख टन एवं 2022 में 188 लाख टन गेहूं खरीदने में सफलता मिली थी। जबकि इसकी खरीद का लक्ष्य क्रमश: 341.50 लाख टन और 444 लाख टन नियत किया गया था।
इस बार 300-320 लाख टन की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वैसे खाद्य मंत्रालय को 372.90 लाख टन गेहूं की खरीद का भरोसा है। गेहूं का उत्पादन 1120 लाख टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने का अनुमान लगाया गया है इसलिए इसकी खरीद में अच्छी बढ़ोत्तरी होने कीउम्मीद है।