iGrain India - मुम्बई । हालांकि मार्च माह के दौरान खाद्य तेलों का कितना आयात हुआ और उसमें किस तेल का कितना योगदान रहा, इसका आंकड़ा सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सी) द्वारा मध्य अप्रैल में जारी किया जाएगा लेकिन उससे पूर्व उद्योग व्यापार क्षेत्र के अग्रणी विश्लेषकों ने जो अनुमान लगाया है उससे पता चलता है कि फरवरी की तुलना में मार्च के दौरान सूरजमुखी तेल का आयात 51 प्रतिशत की जोरदार बढ़ोत्तरी के साथ 4.49 लाख टन पर पहुंच गया
जो अब तक का दूसरा सबसे बड़ा मासिक आयात है। दूसरी ओर पाम तेल का आयात 3.3 प्रतिशत गिरकर 4.81 लाख टन रह गया जो मई 2023 के बाद किसी एक माह का सबसे निचला स्तर है।
मार्च में सोयाबीन तेल का आयात बढ़कर 2.20 लाख टन पहुंचने का अनुमान है जो फरवरी की तुलना में 27 प्रतिशत अधिक है। वैसे सोया तेल के आयात का यह आंकड़ा पिछले मार्केटिंग सीजन के औसत मासिक आयात 3.06 लाख टन से काफी छोटा है। सूरजमुखी तेल का आयात तेजी से बढ़ रहा है।
एक विश्लेषक के अनुसार पाम तेल के बजाए सूरजमुखी तेल के आयात को प्राथमिकता दी जा रही है क्योंकि वैश्विक बाजार में यह काफी प्रतिस्पर्धी मूल्य स्तर पर उपलब्ध है।
मई डिलीवरी के लिए क्रूड पाम तेल (सीपीओ) का निर्यात ऑफर मूल्य करीब 1020 डॉलर प्रति टन चल रहा है जिसमें भारत पहुंच का खर्च शामिल है।
दूसरी ओर इसी आधार पर क्रूड सोयाबीन तेल का ऑफर मूल्य करीब 1000 डॉलर प्रति टन तथा क्रूड सूरजमुखी तेल का ऑफर मूल्य महज 960 डॉलर प्रति टन है। अप्रैल-मई में भी सूरजमुखी तेल का विशाल आयात होने की उम्मीद है।
सूरजमुखी तेल एवं सोयाबीन तेल के आयात में भारी बढ़ोत्तरी होने से मार्च 2024 में खाद्य तेलों का सकल आयात बढ़कर 11.49 लाख टन पर पहुंच जाने का अनुमान है जो फरवरी की तुलना में 18.7 प्रतिशत अधिक और पिछले छह माह का सर्वोच्च स्तर है। पाम तेल का दाम मलेशिया में ऊंचा हो गया है।