iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार ने घरेलू व्यापारिक फर्मों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों से कहा है कि फिलहाल वे स्थानीय स्तर पर किसानों से नए सीजन के गेहूं की खरीद न करें ताकि केन्द्रीय पूल के लिए अपेक्षित मात्रा में इसकी खरीद सुनिश्चित करने में सहायता मिल सके।
वैसे भी सरकार ने किसानों से भारी मात्रा में गेहूं खरीदने के लिए व्यापक स्तर दर सभी आवश्यक प्रबंध किए हैं लेकिन फिर भी उसे आशंका है कि व्यापारियों की प्रक्रिया बढ़ने पर सरकारी खरीद कुछ हद तक प्रभावित हो सकती है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार केन्द्रीय पूल में गेहूं का सीमित स्टॉक बचा हुआ है जबकि विभिन्न कल्याण कारी योजनाओं को संचालित करने के लिए विशाल मात्रा में इसकी जरूरत पड़ेगी।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना तथा बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत भारी मात्रा में गेहूं का वितरण विपणन किया जाता है जबकि भारतीय खाद्य निगम को कई अन्य योजनाओं में भी गेहूं की आपूर्ति करनी पड़ती है।
उल्लेखनीय है कि चीन के बाद भारत दुनिया में गेहूं का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक एवं उपभोक्ता देश है। मई 2022 में सरकार ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। बाद में इसके उत्पादों का निर्यात भी रोक दिया गया।
प्रमुख उत्पादक राज्यों में नए गेहूं की फसल कटने लगी है मगर मंडियों में इसकी आवक कम हो रही है। यह सही है कि फ्लोर मिलर्स एवं व्यापारिक फर्मों के पास भी गेहूं का स्टॉक समाप्त हो रहा है
और किसानों के पास पिछला स्टॉक ज्यादा नहीं है इसलिए उसे गेहूं खरीदने की सख्त जरूरत है मगर सरकार पहले अपने स्टॉक को बढ़ाने के लिए भारी मात्रा में इसकी खरीद करना चाहती है।