iGrain India - मुम्बई । कुछ सप्ताह पूर्व वायदा बाजार में हल्दी का भाव उछलकर 20,000 रुपए प्रति क्विंटल के करीब पहुंच गया था मगर बाद में यह गिरकर कुछ नीचे आ गया। व्यापार विश्लेषकों का मानना है कि कुछ महीनों के बाद इसके दाम में पुनः तेजी आ सकती है।
करीब 20,000 रुपए प्रति क्विंटल के उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद हल्दी का भाव 10-15 प्रतिशत घटकर अब 16,500-17,000 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया है। आगामी समय में इसमें सीमित गिरावट आ सकती है।
मगर कुल मिलाकर इसका दाम 15,000 रुपए प्रति क्विंटल से नीचे आना मुश्किल है। जुलाई के बाद बाजार में पुनः तेजी-मजबूती का दौर शुरू हो सकता है। एक अग्रणी एक्सचेंज में जून डिलीवरी के लिए हल्दी का वायदा मूल्य 3 अप्रैल को 398 रुपए बढ़कर 17,516 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया।
सांगली के एक व्यापारी का कहना है कि हल्दी का भाव थोड़ा और नरम पड़ सकता है और उसके बाद कुछ समय तक स्थिर हो जाएगा। संभवत: सितम्बर इसकी कीमतों में कुछ सुधार आने लगेगा।
नांदेड़ मंडी में 2 अप्रैल को 5400 बोरी (100 किलो- प्रत्येक बोरी) नई हल्दी की आवक हुई और क्वालिटी तथा नमी के आधार पर इसका भाव 15,000-17,500 रुपए प्रति क्विंटल के बीच दर्ज किया गया।
उधर निजामाबाद मंडी में 10,500 बोरी नई हल्दी की आपूर्ति हुई जिसमें नमी का अंश 10 से 15 प्रतिशत के बीच था। इरोड में नई हल्दी की आवक 18,500 बोरी हुई जो गत सप्ताह से 25 प्रतिशत अधिक थी।
समीक्षकों के अनुसार उत्पादन घटने की आशंका से हल्दी का भाव ऊंचा चल रहा है। तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश एवं महाराष्ट्र की मंडियों में हल्दी के नए माल की आपूर्ति शुरू हो चुकी है।
एक विश्लेषक के मुताबिक तीन प्रमुख उत्पादक प्रांतों तमिलनाडु, तेलंगाना एवं महाराष्ट्र में हल्दी का उत्पादन कम से कम 20 प्रतिशत घटने की संभावना है। केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने भी हल्दी का उत्पादन 2022-23 के 11.30 लाख टन से घटकर 2023-24 में 10.74 लाख टन पर सिमटने का अनुमान लगाया है।