iGrain India - निजामाबाद । देश के सभी प्रमुख उत्पादक राज्यों में हल्दी के नए माल की आवक शुरू हो गई है जिससे इसकी कीमतों पर दबाव पड़ने लगा है। महाराष्ट्र के मराठवाड़ा संभाग में नई फसल की आवक शीघ्र ही शुरू होने की संभावना है जिससे इसका दाम कुछ नरम पड़ सकता है।
कुछ माह पूर्व तक हल्दी का भाव काफी ऊंचा चल रहा था जिससे इसका निर्यात प्रभावित हुआ मगर अब कीमतों में नरमी आने से निर्यात मांग बढ़ने की संभावना है।
जब भाव काफी ऊंचा और तेज चल रहा था तब विदेशी आयातक केवल तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए सीमित मात्रा में इसकी खरीद कर रहे थे।
प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक जनवरी 2024 में देश से 14,490 टन हल्दी का निर्यात हुआ जो दिसम्बर के मुकाबले 2.17 प्रतिशत कम रहा। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023 की सम्पूर्ण अवधि (जनवरी-दिसम्बर) के दौरान देश से हल्दी का कुल निर्यात बढ़कर 24 लाख टन के करीब पहुंच गया जो वर्ष 2022 के सकल शिपमेंट से 6.68 प्रतिशत अधिक रहा।
जिन स्टाकिस्टों ने हल्दी का स्टॉक किया गया उसे कीमतों में आई तेजी का भरपूर फायदा हासिल हुआ। वैसे बाद में इसी ऊंची कीमत के कारण हल्दी की निर्यात मांग कमजोर पड़ गई।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार अप्रैल-मई में हल्दी का भाव 15000/16000 रुपए प्रति क्विंटल के बीच स्थिर रह सकता है और उसके बाद मांग एवं आपूर्ति के अनुरूप इसमें तेजी-मंदी आ सकती है। सामान्यतः धारणा तेजी की ही रहेगी।