iGrain India - एडिलेड । ऑस्ट्रेलियाई उत्पादकों के पास मसूर का भारी-भरकम स्टॉक अभी मौजूद है और बाजार भाव एक निश्चित सीमा में लगभग स्थिर बना हुआ है। गेहूं, जौ तथा कैनोला का दाम अपेक्षाकृत नीचे होने से किसान मसूर की बिक्री बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन इसमें कठिनाई यह है कि फिलहाल भारत को छोड़कर अन्य प्रमुख आयातक देश ऑस्ट्रेलियाई मसूर बाजार में ज्यादा सक्रियता नहीं दिखा रहे हैं।
निर्यातकों द्वारा हॉल मार्क टाइप की मसूर की खरीद 850 डॉलर प्रति टन की दर से की जा रही है और इसका अधिकांश शिपमेंट साउथ ऑस्ट्रेलिया प्रान्त के पोर्ट से मुख्यतः भारत के लिए हो रहा है।
एक अग्रणी व्यापार विश्लेषक के अनुसार इस बार नई फसल की कटाई-तैयारी के समय से ही मसूर का भाव काफी हद तक स्थिर बना हुआ है। चूंकि अन्य जिंसों का दाम भी नीचे है इसलिए उत्पादकों को मसूर की बिक्री से कुछ राहत मिल रही है।
उत्पादकों के पास असमान क्वालिटी की मसूर का स्टॉक मौजूद है। माल्ली तथा विम्मेरा- दोनों ही क्षेत्रों में अलग-अलग कारणों से मसूर की क्वालिटी इस बार प्रभावित हुई।
ऑस्ट्रेलिया में मसूर का स्टॉक कम है जिससे ऑस्ट्रेलिया को भारत तथा श्रीलंका में अपने उत्पाद का निर्यात बढ़ाने में सहायता मिल रही है और कीमतों में स्थिरता बनी हुई है।
कनाडा में हरी (मोटी) मसूर का भाव शीर्ष स्तर पर पहुंच गया है। वहां लाल मसूर काफी कम स्टॉक है। अगली फसल का दाम भी ऊंचा है।