iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार ने चालू रबी मार्केटिंग सीजन के दौरान पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश में गेहूं की शानदार खरीद होने की उम्मीद है लेकिन पिछले दो-तीन साल से उत्तर प्रदेश, राजस्थान एवं बिहार में खरीद का प्रदर्शन बहुत कमजोर रहा है इसलिए सरकार इस वर्ष इन तीनों प्रांतों में विशाल मात्रा में गेहूं की खरीद में अच्छी बढ़ोत्तरी होने की संभावना है क्योंकि वहां किसानों से 2400 रुपए प्रति क्विंटल की दर दर इसकी खरीद की जा रही है जिसमें 2275 रुपए प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा 125 रुपए प्रति क्विंटल का अतिरिक्त बोनस शामिल है। मध्य प्रदेश में भी यही स्थिति है।
लेकिन उत्तर प्रदेश एवं बिहार में किसानों को सिर्फ न्यूनतम समर्थन मूल्य ही मिलेगा इसलिए वहां घरेलू व्यापारिक फर्मों, बहुराष्ट्रीय कंपनियों एवं फ्लोर मिलर्स तथा प्रोसेसर्स की सक्रियता बढ़ने की संभावना है।
उत्तर प्रदेश में सरकारी खरीद पूरी होने तक व्यापारियों- स्टॉकिस्टों को गेहूं की खरीद से दूर रहने तथा मिलर्स-प्रोसेसर्स को केवल तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने लायक मात्रा की खरीद करने के लिए कहा गया है।
पिछले साल उत्तर प्रदेश, राजस्थान एवं बिहार में संयुक्त रूप से सिर्फ 6.50 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई थी जबकि चालू वर्ष में इसकी मात्रा बढ़ाकर 50 लाख टन तक पहुंचाने का प्लान बनाया गया है। खाद्य मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि इससे 310 लाख टन गेहूं की खरीद के लक्ष्य तक पहुंचने में सहायता मिलेगी।
हालांकि ओएमएसएस के तहत प्रमुख उत्पादक राज्यों में गेहूं की बिक्री रोक दी गई है मगर भारत ब्रांड आटा की बिक्री की जाती है। इसके अलावा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना सहित अन्य कल्याणकारी कार्यक्रमों के तहत गेहूं की नियमित आपूर्ति की जा रही है। भारत ब्रांड के अंतर्गत अब तक 7.06 लाख टन आटा की बिक्री हो चुकी है।