iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय खाद्य सचिव ने कहा है कि एथनॉल निर्माण के लिए डिस्टॉलरेंज को रियायती मूल्य पर चावल की बिक्री पुनः आरंभ करने का कोई प्रस्ताव फिलहाल सरकार के पास नहीं है।
जुलाई 2023 से ही अनाज आधारित डिस्टीलरीज को एथनॉल उत्पादन के लिए सरकारी चावल की बिक्री बंद है और फिलहाल इस नीति में बदलाव करने की कोई योजना नहीं है।
दरअसल गन्ना के कमजोर उत्पादन की संभावना को देखते हुए सरकार ने एथनॉल निरमन में चीनी के उपयोग की मात्रा सीमित कर दी। इधर मक्का का घरेलू बाजार भाव ऊंचा एवं तेजी होने से एथनॉल निर्माताओं को भारी कठिनाई हो रही है।
इससे एथनॉल का उत्पादन घटने की संभावना है जिससे पेट्रोल में इसके मिश्रण का लक्ष्य प्राप्त करना कठिन हो जाएगा। ऐसी हालत में उम्मीद की जा रही थी इस बार अपने स्टॉक से चावल का कुछ भाग रियायती मूल्य पर एथनॉल निर्माताओं को उपलब्ध करवा सकती है। लेकिन खाद्य सचिव ने फिलहाल इसकी संभावना से साफ इंकार कर दिया है।
जुलाई 2023 में उस समय सरकार ने एथनॉल निर्माताओं के लिए चावल की बिक्री बंद करने का निर्णय लेना पड़ा था जब खरीफ कालीन उत्पादन में भारी गिरावट आने की आशंका व्यक्त की जा रही थी और घरेलू बाजार भाव ऊंचा एवं तेज होने लगा था। मालूम हो कि जुलाई में ही सरकार ने सफेद गैर बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी।
एथनॉल निर्माताओं द्वारा डिस्टीलरीज की स्थापना एवं उसके विकास-विस्तार पर भारी पूंजी का निवेश किया गया है और यदि उसे कच्चा माल नहीं मिला तो आर्थिक नुकसान हो सकता है।
खाद्य सचिव के अनुसार एथनॉल निर्माण के लिए चावल के बजाए मक्का के उपयोग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। सरकार के पास घरेलू मांग एवं जरूरत को पूरा करने के लिए चावल का समुचित स्टॉक मौजूद है मगर एथनॉल निरमन के लिए इसकी बिक्री करना फ़िलहाल संभव नहीं हो पाएगा। चावल का घरेलू बाजार भाव स्थिर होने लगा है।