iGrain India - नई दिल्ली । आगामी मार्केटिंग सीजन के दौरान चीनी के घरेलू उत्पादन में गिरावट अपने की आशंका व्यक्त की जा रही है जो अक्टूबर 2024 से आरंभ होकर सितम्बर 2025 तक चलेगा। केन्द्रीय खाद्य सचिव का कहना है कि सरकार इससे अवगत है और चिंतित भी है।
लेकिन तत्काल यह अनुमान लगाना जल्दबाजी होगी कि 2024-25 के सीजन में चीनी का वास्तविक उत्पादन कितना होगा। वस्तुतः इस सम्बन्ध में अभी किसी तरह का अनुमान लगाना सही नहीं होगा। अगस्त 2024 में तस्वीर कुछ हद तक स्पष्ट हो सकती है।
खाद्य सचिव के अनुसार चीनी के दो प्रमुख उत्पादक राज्यों- महाराष्ट्र एवं कर्नाटक ने बांधों-जलाशयों में पानी का स्तर विगत वर्षों की तुलना में कुछ पीछे बताया जा रहा है।
सरकार यह सुनिश्चित करने के प्रति सतर्क है कि चालू सीजन में उत्पादित फसल का बकाया अधिशेष स्टॉक ऊंचा रहे ताकि अगले सीजन में यदि उत्पादन घटता है तो उसकी समुचित भरपाई संभव हो सके।
सचिव महोदय के अनुसार किसी भी विषम परिस्थिति के उत्पन्न होने पर चालू सीजन के बकाया स्टॉक का उपयोग घरेलू मांग एवं जरूरत को पूरा करने में किया जा सकता है और एथनॉल निर्माण में चीनी के डायवर्जन पर भी विचार किया जा सकता है।
खाद्य सचिव के मुताबिक अगले सीजन के लिए गन्ना के उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) में बढ़ोत्तरी किसानों के लिए गन्ना की खेती का दायरा बढ़ाने हेतु एक अच्छा संकेत साबित होती रही है।
केन्द्र सरकार पहले ही गन्ना का एफआरपी 2023-24 सीजन के 315 रुपए प्रति क्विंटल से 25 रुपए बढ़ाकर 2024-25 के सीजन हेतु 340 रुपए प्रति क्विंटल घोषित कर चुकी है। इससे किसानों को गन्ना का उत्पादन बढ़ाने का अच्छा प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।