iGrain India - नई दिल्ली। हरियाणा में तो प्रांतीय एजेंसी- हैफेड ने 26 मार्च से ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सरसों खरीदना शुरू कर दिया था और उसकी खरीद रुकने के बाद भंडारण निगम की खरीदारी शुरू होने वाली है जबकि देश के अन्य प्रमुख उत्पादक प्रांतों- राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश तथा गुजरात आदि में केन्द्रीय एजेंसी- नैफेड द्वारा 1 अप्रैल से सरसों की खरीद प्रक्रिया आरंभ की गई। सरकार ने इस बार 28.20 लाख टन सरसों खरीदने का लक्ष्य रखा है। बम्पर उत्पादन एवं कमजोर बाजार भाव को देखते हुए यह लक्ष्य हासिल हो जाने की संभावना है। इससे पूर्व सभी मंडियों में सरसों का दाम एमएसपी से नीचे आ गया था।
42% कंडीशन सरसों
29 मार्च से 4 अप्रैल तक के सप्ताह में 42 प्रतिशत कंडीशन वाली सरसों का भाव दिल्ली में 50 रुपए तथा जयपुर में 100 रुपए बढ़कर क्रमश: 5350 रुपए प्रति क्विंटल एवं 5525/5550 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया। गुजरात की डीसा एवं धनेरा मंडी में लूज सरसों के दाम में 25-25 रुपए का सुधार आया।
हरियाणा
हरियाणा के आदमपुर में सरसों की कीमत 108 रुपए नरम रही मगर हिसार में 50 रुपए एवं चरखी दादरी में 25 रुपए सुधर गई। मध्य प्रदेश के मंडी में 100 रुपए सुधरकर 4800/5100 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश की आगरा मंडी में सरसों का दाम 25 रुपए सुधरकर 5800/5925 रुपए प्रति क्विंटल हो गया। सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त- राजस्थान में सरसों के दाम में विभिन्न रुख देखा गया। भरतपुर, अलवर तथा खैरथल में भाव तेज और गंगा नगर में नरम रहा।
सरसों तेल
सरसों का भाव सुधरने से सरसों तेल के दाम में भी प्रति 10 किलो पर 10-20 रुपए की तेजी देखी गई। बीकानेर में यह 40 रुपए बढ़कर 1040 रुपए, दिल्ली में 20 रुपए सुधरकर 1020 रुपए मुम्बई में 20 रुपए बढ़कर 1050 रुपए, भरतपुर में 30 रुपए बढ़कर 1020 रुपए तथा जयपुर में 18 रुपए सुधरकर 1045 रुपए प्रति 10 किलो पर पहुंच गया।
आवक
राष्ट्रीय स्तर पर सरसों की आवक 29 मार्च को 7.75 लाख बोरी, 30 मार्च को 6.50 लाख बोरी, 1 अप्रैल को 6 लाख बोरी, 2 अप्रैल को 7.25 लाख बोरी, 3 अप्रैल को 9.25 लाख बोरी तथा 4 अप्रैल को 9 लाख बोरी दर्ज की गई जबकि प्रत्येक बोरी 50 किलो की होती है। दरअसल घटते बाजार भाव को देखते हुए किसानों ने सरसों का स्टॉक रोकना शुरू कर दिया था।