iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय कृषि मंत्रायल के नवीनतम साप्ताहिक आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले साल के मुकाबले चालू वर्ष के दौरान ग्रीष्मकालीन फसलों के बिजाई क्षेत्र में इजाफा हुआ है।
इसके तहत धान का उत्पादन क्षेत्र 26.49 लाख हेक्टेयर से 11 प्रतिशत उछलकर 28.44 लाख हेक्टेयर, दलहन फसलों का बिजाई क्षेत्र 8.70 लाख हेक्टेयर से 3 प्रतिशत सुधरकर 8.97 लाख हेक्टेयर तथा तिलहन फसलों का क्षेत्रफल 8.26 लाख हेक्टेयर से 3 प्रतिशत सुधरकर 8.48 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
ग्रीष्मकालीन धान का उत्पादन क्षेत्र पश्चिम बंगाल में 7.87 लाख हेक्टेयर से उछलकर 10.22 लाख हेक्टेयर, तेलंगाना में 4.77 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 6.15 लाख हेक्टेयर तथा तमिलनाडु में 1004 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 1.64 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया। इसके अलावा आंध्र प्रदेश, बिहार एवं गुजरात सहित कुछ अन्य राज्यों में भी ग्रीष्मकालीन धान की अच्छी खेती हुई है।
ग्रीष्मकालीन दलहन फसलों में मुख्यत: मूंग एवं उड़द शामिल है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले साल की तुलना में इस बार मूंग का उत्पादन क्षेत्र 6.33 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 6.52 लाख हेक्टेयर तथा उड़द का क्षेत्रफल 2.11 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 2.23 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
ग्रीष्मकालीन दलहन फसलों के प्रमुख उत्पादक राज्यों में मध्य प्रदेश, बिहार, गुजरात, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु एवं उड़ीसा आदि शामिल हैं। तिलहन फसलों में मूंगफली, तिल एवं सूरजमुखी की खेती मुख्य रूप से होती है।
गत वर्ष के मुकाबले इस बार मूंगफली का बिजाई क्षेत्र 3.77 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 3.89 लाख हेक्टेयर तथा तिल का क्षेत्रफल 4.00 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 4.09 लाख हेक्टेयर हो गया।
सूरजमुखी का रकबा भी 28 हजार हेक्टेयर से सुधरकर 29 हजार हेक्टेयर हो गया। इस तरह धान, दलहन एवं तिलहन फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र पिछले साल के 43.45 लाख हेक्टेयर से 8 प्रतिशत बढ़कर इस बार 46.88 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।