iGrain India - अम्बाला । लगातार बढ़ती गर्मी से गेहूं की फसल को खतरा बढ़ सकता है। हालांकि इस बार फरवरी तथा मार्च में तापमान लगभग सामान्य रहने से पंजाब-हरियाणा में गेहूं का बम्पर उत्पादन होने की उम्मीद है लेकिन अप्रैल की भीषण गर्मी से इस पर आंशिक असर पड़ने की आशंका भी है।
ऊंचे तापमान एवं भीषण गर्मी से गेहूं के दाने सिकुड़ सकते हैं और नियत समय से पहले ही उसके अपुष्ट रूप में पकने की संभावना रहेगी जिससे औसत उपज दर में कमी आ सकती है। हर जगह फसल की प्रगति पर अच्छी नजर रखी जा रही है।
हरियाणा में 1 अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद आरंभ होनी थी लेकिन फसल के पूरी तरह नहीं पकने से अभी तक अधिकांश मंडियों में गेहूं की आवक एवं सरकारी खरीद शुरू नहीं हुई है। अम्बाला जिला भी इसमें शामिल है।
कृषि विभाग के अनुसार 10 अप्रैल के बाद गेहूं फसल की कटाई-तैयारी एवं मंडियों में आपूर्ति शुरू हो जायेगी। राज्य में गेहूं की खरीद के लिए सभी आवश्यक तैयारी एवं मंडियों में अपूर्ति शुरू हो जाएगी।
राज्य में गेहूं की खरीद के लिए सभी आवश्यक तैयारी पहले ही पूरी हो चुकी है। बारदाना का प्रबंध हो चुका है और गेहूं की पैकिंग, परिवहन तथा भंडारण की व्यवस्था की जा रही है।
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार गेहूं के दाने को पुष्ट (मैच्योर) होने तथा पकने के लिए सामान्य औसत की जरूरत पड़ती है। मार्च तक मौसम काफी हद तक अनुकूल बना रहा जिससे फसल की प्रगति में कोई बाधा नहीं पड़ी।
बीच-बीच में थोड़ी बहुत बारिश हुई औअर मौसम ठंडा रहा। लेकिन अप्रैल का मौसम कुछ हद तक अनुकूल बना रहा जिससे फसल की प्रगति में कोई बाधा नहीं पड़ी। बीच-बीच में थोड़ी बहुत बारिश हुई और मौसम ठंडा रहा।
लेकिन अप्रैल का मौसम कुछ हद तक प्रतिकूल हो गया लगता है। अंबाला जिले में इस बार 88 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बिजाई हुई। वरिष्ठ आधिकारिक सूत्रों के अनुसार पिछले साल गेहूं की औसत उत्पादकता 18 क्विंटल प्रति एकड़ दर्ज की गई थी
मगर चालू वर्ष में यह कुछ घटकर 15-16 क्विंटल प्रति एकड़ पर सिमटने की संभावना है। इससे कुल उत्पादन में उम्मीद के अनुरूप इजाफा होना मुश्किल है। किसानों से 2275 रुपए प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदा जाएगा।