iGrain India - अहमदाबाद । देश के पश्चिमी प्रान्त- गुजरात में ग्रीष्म कालीन (जायद) फसलों का उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 11.07 लाख हेक्टेयर के करीब पहुंच गया है जो गत वर्ष की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 10.94 लाख हेक्टेयर से 13 हजार हेक्टेयर ज्यादा तथा पिछले तीन साल के सामान्य औसत क्षेत्रफल 11.10 लाख हेक्टेयर का 99.65 प्रतिशत है।
हालांकि राज्य में मौसम एवं वर्षा की हालत पूरी तरह अनुकूल नहीं है और बांधों जलाशयों में पानी का स्तर भी घट गया है लेकिन फिर भी किसान जायद फसलों की खेती में अच्छी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। अब वहां उत्पादन भी ऊंचा होने लगा है।
राज्य कृषि विकास द्वारा जारी नवीनतम साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार गुजरात में पिछले साल की सामान अवधि के मुकाबले इस वर्ष 8 अप्रैल तक धान का उत्पादन क्षेत्र 79 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 94 हजार हेक्टेयर तथा बाजरा का बिजाई क्षेत्र 3 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 3.05 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया
जबकि मक्का का रकबा 7 हजार हेक्टेयर पर स्थिर रहा। इस तरह वहां अनाजी फसलों का कुल क्षेत्रफल गत वर्ष के 3.87 लाख हेक्टेयर से बढ़कर इस बार 4.06 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
ग्रीष्मकालीन दलहन फसलों का बिजाई क्षेत्र गत वर्ष के 64 हजार हेक्टेयर से सुधरकर इस बार 66 हजार हेक्टेयर के करीब पहुंच गया। इसके तहत मूंग का उत्पादन क्षेत्र तो 44 हजार हेक्टेयर के पिछले स्तर पर ही बरकरार रहा मगर उड़द का क्षेत्रफल 20 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 22 हजार हेक्टेयर पर पहुंच गया।
जहां तक तिलहनों का सवाल है तो इसका उत्पादन क्षेत्र पिछले साल के 1.69 लाख हेक्टेयर से सुधरकर इस बार 1.70 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा। इसके अंतर्गत मूंगफली का बिजाई क्षेत्र 52 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 56 हजार हेक्टेयर हो गया मगर तिल का क्षेत्रफल 1.17 लाख हेक्टेयर से गिरकर 1.14 लाख हेक्टेयर पर अटक गया।
इसके अलावा गुजरात में मौजूदा जायद सीजन के दौरान प्याज, गन्ना, सब्जी, चारा, ग्वार एवं अन्य फसलों की खेती भी हुई है।