iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने 2023-24 के वर्तमान रबी सीजन में चना का घरेलू उत्पादन 2022-23 सीजन की तुलना में कुछ घटकर 121.60 लाख टन पर सिमटने का अनुमान लगाया है अगर उद्योग-व्यापार क्षेत्र का मानना है कि वास्तविक उत्पादन इससे काफी कम होगा।
उत्पादन घटने की आशंका को देखते हुए बड़े-बड़े उत्पादक इसका स्टॉक रोकने का प्रयास कर सकते हैं जिससे मंडियों में नए माल की आवक कम हो सकती है। सरकार के पास भी चना का स्टॉक घटकर 7 लाख टन के आसपास रह गया है जो न्यूनतम आवश्यक बफर मात्रा 10 लाख टन से कम है।
चालू सप्ताह के पहले दिन राजस्थान के बीकानेर में एनसीडीईएक्स पर चना का स्पॉट मूल्य 5825 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया जो 5440 रुपए प्रति क्विंटल के घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य से काफी ऊपर था।
थोक मंडियों में भी चना का भाव सरकारी समर्थन मूल्य से ऊंचा चल रहा है इसलिए नैफेड सहित अन्य एजेंसियों को किसानों से इसकी खरीद में कठिनाई हो रही है।
सरकार को यदि चना का बफर स्टॉक बढ़ाना है तो उसे बाजार में प्रचलित दाम पर इसकी खरीद करनी पड़ेगी। चना के प्रमुख उत्पादक राज्यों में मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात एवं उत्तर प्रदेश आदि शामिल है।
इस बार चना का बिजाई क्षेत्र कम रहा जबकि कुछ क्षेत्रों में मौसम की स्थिति भी अनुकूल नहीं रही। नई फसल की कटाई-तैयारी तो पहले ही शुरू हो चुकी है लेकिन प्रमुख मंडियों में आपूर्ति की गति धीमी है। आगे भाव मजबूत रह सकता है।