iGrain India - मुम्बई । एक प्राइवेट मौसम एजेंसी ने कहा है कि चालू वर्ष के दौरान यद्यपि आमतौर पर मानसून सीजन में अच्छी बारिश होने की उम्मीद है लेकिन जून में मानसून का आरंभ कुछ धीमा रह सकता है जबकि उसके बाद के तीन महीनों में अच्छी बारिश हो सकती है।
दीर्घावधि औसत के मुकाबले जून में 95 प्रतिशत वर्षा होने की संभावना है जो जुलाई में बढ़कर 105 प्रतिशत पर पहुंच सकती है। अगस्त में यह गिरकर 98 प्रतिशत पर आने की संभावना है जबकि सितम्बर में यह 110 प्रतिशत तक पहुंचने के आसार हैं।
मौसम एजेंसी के अनुसार इस वर्ष देश में जून-सितम्बर की अवधि के दौरान वर्षा होने की केवल 10 प्रतिशत संभावना है जबकि 96 से 104 प्रतिशत की बीच सामान्य बारिश होने की उम्मीद 45 प्रतिशत है।
मानसून की सामान्य बारिश खरीफ फसलों के बेहतर उत्पादन के लिए अत्यन्त आवश्यक एवं बेहद महत्वपूर्ण है। मौसम एजेंसी ने जून-सितम्बर 2024 के दौरान देश में अधिशेष वर्षा की 10 प्रतिशत संभावना व्यक्त की है।
एजेंसी का कहना है कि अल नीनो धीरे-धीरे अब ला नीना में बदलता आ रहा है जिससे मानसून की हालत मजबूत होती जाएगी और देश में अच्छी वर्षा की उम्मीद बनी रहेगी।
उल्लेखनीय है कि मानसून की पहली बौछार के साथ ही खरीफ फसलों की बिजाई जोर पकड़ने लगती है। जुलाई-अगस्त को सर्वाधिक वर्षा वाला महीना मन जाता है।
पिछले साल जुलाई में तो भरपूर बारिश हुई थी मगर अगस्त का महीना काफी हद तक सूखा रह गया था। इस बार भी जुलाई एवं सितम्बर के मुकाबले अगस्त में कम वर्षा होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
खरीफ सीजन में धान, कपास, अरहर, उड़द, मूंग, सोयाबीन, मूंगफली एवं मोटे अनाजों के साथ कई अन्य फसलों की खेती बड़े पैमाने पर होती है।