iGrain India - नई दिल्ली । भारत के पांच शीर्ष सहकारी संगठनों के स्वामित्व वाली फर्म- नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट लि० (एनसीईएल) द्वारा सिंगापुर को 1600 टन कच्चे (सफेद) और बासमती चावल का निर्यात किया जाएगा।
इसके लिए सिंगापुर के एग्रीगेटर तथा एनसीईएल के बीच सफल बातचीत के बाद करार हो गया। एनसीईएल के एक प्रोमोटर का कहना है कि 2000 टन अतिरिक्त चावल के निर्यात शिपमेंट के लिए सिंगापूर के एग्रीगेटर के साथ शीघ्र ही बातचीत शुरू की जाएगी।
ध्यान देने की बात है कि एनसीईएल के कुल प्रोमोटर हैं जिसमें गुजरात को ऑपरेटिव मिल्स मार्केटिंग फेडरेशन, कृभकों, इफ्फ्को, नैफेड तथा राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) शामिल हैं।
पहले यह खबर आ रही थी कि एसीइएल के साथ एग्रीगेटर की बातचीत अधर में लटक गई है जिससे सिंगापुर को जून के बाद चावल के अभाव का सामना करना पद सकता है लेकिन अब प्रोमोटर्स का कहना है कि उसे चावल की कमी का संकट नहीं झेलना पड़ रहा है।
एनसीईल द्वारा अब तक विभिन्न देशों को 1325 करोड़ रुपए मूल्य के चावल का निर्यात किया जा चुका है जिसमें सिंगापुर भी शामिल है। सिंगापुर को 250 टन चावल का शिपमेंट पहले ही हो चुका है जबकि 10,000 करोड़ रुपए मूल्य का निर्यात ऑर्डर अभी एनसीईएल के पास मौजूद है।
इसमें चावल के अलावा गेहूं, चीनी प्याज तथा अन्य कृषि उत्पाद सम्मिलित है। वैसे सीमा शुल्क का मामला चावल के निर्यात को प्रभावित कर रहा है।
ध्यान देने की बात है कि भारत से सफेद गैर बासमती चावल, टुकड़ी, चावल, गेहूं तथा इसके उत्पादों, चीनी एवं प्याज व्यापारिक निर्यात पर प्रतिबंध लगा हुआ है मगर सरकारी तौर पर इसका शिपमेंट हो सकता है।
सरकार ने दुनिया के करीब एक दर्जन जरूरतमंद देशों को पिछले साल चावल का निर्यात कोटा आवंटित किया था जिसका शिपमेंट अभी जारी है।