iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय उपभोक्ता मामले सचिव श्रीमती निधि खरे की अध्यक्षता में आज यानी 10 अप्रैल 2024 को दलहनों के आयातकों के साथ हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में अनेक मुद्दों पर गहन चर्चा हुई।
सचिव ने स्पष्ट रूप से आगाह किया कि सभी सम्बद्ध पक्षों को अपने दलहनों के स्टॉक पोजीशन की नियमित घोषणा करना अनिवार्य है और यदि घोषित स्टॉक से ज्यादा माल पाया गया तो उसे अनाधिकृत (गैर कानूनी) माना जाएगा और उसके खिलाफ सरकार द्वारा समुचित कार्यवाई की जाएगी।
सचिव ने आगे कहा कि यदि कुछ देश आपसी सहमति के समझौते (एमओयू) का सम्मान नहीं कर रहे हैं तो सरकार उसे स्थगित रखने या निरस्त करने पर विचार कर सकती है। अल्प कालीन अवधि के लिए दलहनों का आयात बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। इधर म्यांमार काफी तेजी से अपने दलहनों का भाव बढ़ा रहा है।
उपभोक्ता मामले सचिव का कहना था कि सरकार को पता है कि आयातकों के पास दलहनों का कितना स्टॉक उपलब्ध है। बंदरगाह अधिकारियों से इसका आंकड़ा देने के लिए कहा गया है।
लेकिन एक अग्रणी संस्था- इंडिया ग्रेन्स एंड पल्सेस एसोसिएशन (इपगा) के अनुसार बंदरगाहों पर विदेशों से आयातित दलहनों का नहीं या नगण्य बचा हुआ है। अफ्रीकी देशों से तुवर का सीमित आयात हो रहा है।
म्यांमार से तुवर एवं उड़द मंगाया जा रहा है। म्यांमार में उत्पादन तो बढ़ रहा है लेकिन फिर भी कीमतों में बढ़ोत्तरी क्यों हो रही है - यह गंभीर चिंता और सोच का विषय है।
भारत का दो अफ्रीकी देश- मोजाम्बिक एवं मलावी तथा एक एशियाई देश- म्यांमार के साथ दलहन आयात के लिए पंचवर्षीय करार है लेकिन पिछले साल मोजाम्बिक के साथ कुछ समस्या रही जबकि अब म्यांमार के उत्पादक एवं निर्यातक भारत की मजबूरी का अनुचित फायदा उठाने का प्रयास कर रहे हैं।