नई दिल्ली, 10 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्र ने बुधवार को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सभी भंडारण इकाइयों द्वारा दालों के भंडार पर साप्ताहिक रिपोर्ट की व्यवस्था लागू करने का निर्देश दिया है। साथ ही जमाखोरी और बाजार में हेरफेर को रोकने के लिए उनके द्वारा घोषित भंडार को सत्यापित करने के लिए कहा है ताकि कीमतों को बेकाबू होने से रोका जा सके।उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा राज्यों को जारी आदेश में कहा गया है कि प्रमुख बंदरगाहों और उद्योग केंद्रों में स्थित गोदामों में दालों के भंडार को समय-समय पर सत्यापित किया जाना चाहिए और भंडार प्रकटीकरण पोर्टल पर गलत जानकारी देने वाली इकाइयों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
उपभोक्ता मामले विभाग की सचिव निधि खरे ने भंडारण इकाइयों द्वारा दालों के भंडार प्रकटीकरण को लागू करने के लिए 5 अप्रैल को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को जारी निर्देश के बाद राज्य सरकारों के अधिकारियों के साथ एक बैठक भी की।
बैठक में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को जमाखोरी और बाजार में हेरफेर को रोकने के लिए दालों के स्टॉक की स्थिति और कीमत के रुझान पर निगरानी बढ़ाने के लिए कहा गया था।
खरे ने आयात और भंडार प्रकटीकरण से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए दाल आयातक संघों और अन्य दाल उद्योग प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक भी की। प्रतिभागियों ने सामान्य रूप से दाल उद्योग और विशेष रूप से आयात पर अपने विचार और इनपुट साझा किए।
आयातकों और कंपनियों को साप्ताहिक आधार पर आयातित पीली मटर सहित दालों के अपने भंडार की घोषणा करने के लिए कहा गया है। आधिकारिक बयान के अनुसार, इस संबंध में उपभोक्ता मामलों के विभाग ने पीले मटर को शामिल करने के लिए भंडार प्रकटीकरण पोर्टल को नया रूप दिया है और बिग चेन रिटेलर को एक इकाई के रूप में पेश किया है जो 15 अप्रैल 2024 से चालू हो जाएगा।
पांच प्रमुख दालों - अरहर, उड़द, चना, मसूर और मूंग के अलावा राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को आयातित पीली मटर के संबंध में स्टॉक की स्थिति की निगरानी करने के लिए कहा गया है। दालों की समग्र उपलब्धता बढ़ाने के लिए 8 दिसंबर 2023 से 30 जून 2024 तक पीली मटर के आयात की अनुमति दी गई है।
खरे ने यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया कि आयातित पीली मटर बाजार में निरंतर जारी रहे। इसी तरह, बाजार में सुचारू और निरंतर उपलब्ध कराने के लिए आयातकों के पास तुअर, उड़द और मसूर के भंडार की निगरानी की जानी है।
--आईएएनएस
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