iGrain India - नई दिल्ली । ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि अधिकांश प्रमुख उत्पादक देशों में पीली मटर का बिजाई क्षेत्र बढ़ सकता है और आगामी महीनों में यदि मौसम की हालत सामान्य या अनुकूल रही तो वहां इसका शानदार उत्पादन हो सकता है। वर्ष 2024 के दौरान भारत में पीली मटर का आयात बढ़कर 20-25 लाख टन तक पहुंचने की गुंजाईश है।
समझा जाता है कि रबी कालीन दलहनों का घरेलू उत्पादन कम होने से सरकार को चालू वर्ष की दूसरी छमाही में भी पीली मटर के आयात की अनुमति देनी पड़ सकती है।
प्रमुख निर्यातक देशों में फिलहाल इसका स्टॉक कम है मगर जुलाई-अगस्त से नए माल की आवक शुरू होने पर रूस, कनाडा, यूक्रेन, यूरोपीय संघ तथा बाल्टिक सागर क्षेत्र के देशों में आपूर्ति तेजी से बढ़ने लगेगी। अप्रैल के बाद भारत में पीली मटर के आयात की गति धीमी पड़ जाएगी क्योंकि- प्रमुख निर्यातक देशों में स्टॉक बहुत कम बचेगा।
समीक्षकों के अनुसार रमजान का महीना तथा ईद पर्व का अवकाश समाप्त होने के बाद बांग्ला देश, पाकिस्तान एवं मध्य पूर्व एशिया के मुस्लिम बहुल देश मटर की खरीद के लिए पुनः बाजार में सक्रिय हो जाएंगे जिससे कारोबारी प्रतिस्पर्धा एवं कीमतों में वृद्धि हो सकती है।
पीली मटर के दाम में नरमी आने की संभावना कम है जबकि अल्प कालीन / मध्यम कालीन समय में इसका भाव ऊंचा एवं मजबूत रह सकता है।
जब तक प्रमुख निर्यातक देशों में नई फसल की जोरदार आपूर्ति शुरू नहीं हो जाती तब तक चीन के आयातक मटर की खरीद में बहुत कम दिलचस्पी दिखा सकते हैं।
जहां तक भारत का सवाल है तो यह देखना आवश्यक होगा कि पीली मटर का आयात घरेलू प्रभाग में देसी चना के बाजार पर कैसा और कितना प्रभाव डालता है।
इसके आधार पर ही हरी मटर अथवा देसी चना के आयात को उदार बनाने का निर्णय निर्भर करेगा। सरकार का दावा है कि नए माल की जोरदार आवक से चना का भाव नरम पड़ने लगा है।