iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय एजेंसियों ने राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश तथा गुजरात जैसे राज्यों में मूल्य समर्थन योजना (पीएसएफ) के तहत किसानों से 5650 रुपए प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सरसों की खरीद का अभियान आरंभ कर दिया है।
इससे पूर्व हरियाणा में प्रांतीय एजेंसी- हैफेड ने 26 मार्च से सरसों की खरीद शुरू की थी और 7 अप्रैल तक करीब 3.25 लाख टन की खरीद करने के बाद राज्य भंडारण निगम के लिए खरीद का रास्ता साफ कर दिया।
चूंकि केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने 2023-24 सीजन के दौरान सरसों का घरेलू उत्पादन उछलकर 127 लाख टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने का अनुमान लगाया है इसलिए इसकी सरकारी खरीद का लक्ष्य भी दोगुने से ज्यादा बढ़ा दिया गया है।
2022-23 के रबी मार्केटिंग सीजन के दौरान नैफेड द्वारा 11.25 लाख टन सरसों की खरीद की गई थी जबकि चार सीजन में 28.20 लाख टन की खरीद का लक्ष्य रखा गया है। हैफेड ने पिछले साल 2.75 लाख टन सरसों खरीदा था जबकि इस वर्ष उससे 50 हजार टन ज्यादा की खरीद कर चुका है।
नए माल की जोरदार आवक होने के कारण मार्च में सरसों की कीमतों पर भारी दबाव बना रहा और राजस्थान के भरतपुर सहित अन्य केन्द्रों (मंडियों) में इसका दाम सरकारी समर्थन मूल्य से 500-600 रुपए प्रति क्विंटल नीचे दर्ज किया गया।
अब नैफेड की खरीदारी शुरू होने पर सरसों का भाव कुछ सुधरने की उम्मीद है। लेकिन खाद्य तेलों एवं डीओसी के कमजोर मूल्य को देखते हुए रबी सीजन की इस सबसे महत्वपूर्ण तिलहन फसल के दाम में जोरदार तेजी आना मुश्किल लगता है। जून के बाद ही बाजार में कुछ बदलाव के संकेत मिल सकते हैं।