iGrain India - नई दिल्ली । भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) तथा उसकी सहयोगी प्रांतीय एजेंसियों द्वारा चालू रबी मार्केटिंग सीजन में अब तक केन्द्रीय पूल के लिए 4.40 लाख टन गेहूं खरीदा जा चुका है जो पिछले साला की समान अवधि की खरीद 10.30 लाख टन से 41 प्रतिशत या 4.10 लाख टन ज्यादा है।
सरकार ने 310-320 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है जो व्यावहारिक प्रतीत होता है मगर कुछ राज्यों के आंकड़ों के आधार पर खरीद का लक्ष्य 372.90 लाख टन नियत करने पर विचार हो रहा है जिसे हासिल करण आसान नहीं होगा।
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने चालू वर्ष के दौरान गेहूं का घरेलू उत्पादन बढ़कर 1120.20 लाख टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने का अनुमान लगाया है।
पिछले साल कुल आवक के 38 प्रतिशत गेहूं की खरीद हुई थी मगर इस बार यह 54 प्रतिशत पर (लक्ष्य के अनुरूप) पहुंच सकती है जो काफी मुश्किल है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार वर्तमान सीजन में 9 अप्रैल 2024 तक मध्य प्रदेश में सर्वाधिक 12.90 लाख टन गेहूं खरीदा गया जो पिछले साल की इसी अवधि की खरीद 10 लाख टन से करीब 30 प्रतिशत अधिक है।
दरअसल मध्य प्रदेश एवं राजस्थान में 125 रुपए के अतिरिक्त बोनस के साथ किसानों से 2400 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीदा जा रहा है जिसमें 2275 रुपए प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी शामिल है।
इसके फलस्वरूप मध्य प्रदेश की मंडियों में गेहूं का न्यूनतम मूल्य भी 3 अप्रैल के 2235 रुपए प्रति क्विंटल से सुधरकर 9 अप्रैल को 2250 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया।
राजस्थान की मंडियों में 2.40 लाख टन की आवक में से करीब 32 हजार टन गेहूं की सरकारी खरीद संभव हो सकी जबकि गत वर्ष इस समय तक वहां गेहूं की खरीद शुरू भी नहीं हुई थी।
लेकिन उत्तर प्रदेश में यह खरीद पिछले साल के 7 हजार टन से उछलकर इस बार 39 हजार टन पर पहुंच गई। ज्ञात हो कि वहां गैर आधिकारिक तौर पर कंपनियों एवं स्टॉकिस्टों से कहा गया है कि जब तक सरकारी खरीद का लक्ष्य पूरा नहीं हो जाता तब तक गेहूं की खरीद के लिए वे मंडियों में प्रवेश न करें। हरियाणा में 83 हजार टन गेहूं 9 अप्रैल तक खरीदा गया।