iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार चीनी उत्पादक कंपनियों को दिसम्बर 2023 में गन्ना जूस तथा बी हैवी शीरा के उपयोग पर प्रतिबंध लागू होने से पूर्व निर्मित एथनॉल की बिक्री तत्काल प्रभाव से शुरू करने की अनुमति जल्दी ही दे सकती है।
समझा जाता है कि मिलों के पास एथनॉल की जो मात्रा पड़ी हुई है वह लगभग 8 लाख टन चीनी के समतुल्य है। सरकार ने बाद में 17 टन चीनी के समतुल्य गन्ना जूस एवं बी हैवी शीरा का इस्तेमाल एथनॉल निर्माण में करने की स्वीकृति दी थी।
इस तरह 2023-24 के पूरे सीजन में लगभग 25 लाख टन चीनी का उपयोग एथनॉल निर्माण में होने की संभावना है। जब सरकार ने चीनी के इस्तेमाल के लिए कोटा नियत किया था उससे पहले ही मिलर्स एथनॉल का भारी उत्पादन कर चुके थे।
पहले सरकार ने उस एथनॉल की बिक्री पर रोक लगा दी थी मगर अब इस रोक को शीघ्र ही हटाया जा सकता है। इससे तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) को राहत मिलेगी।
वरिष्ठ आधिकारिक सूत्रों के अनुसार चीनी के प्रति अब ज्यादा चिंता नहीं है क्योंकि इसका घरेलू उत्पादन पहले ही 300 लाख टन के आसपास पहुंच चुका है जबकि इसकी घरेलू मांग एवं खपत 280-285 होने वाली 17 लाख टन चीनी शामिल नहीं है।
इस बार चीनी का कुल (शुद्ध) उत्पादन 310-315 लाख टन के बीच होने के आसार है। 1 अक्टूबर 2023 को नया मार्केटिंग सीजन आरंभ होने के समय उद्योग के पास 57 लाख टन चीनी का पिछले बकाया स्टॉक मौजूद था जबकि चालू सीजन में करीब 28-30 लाख टन का अधिशेष उत्पादन होगा। इससे अगले सीजन के आरंभ में करीब 85 लाख टन चीनी का बकाया अधिशेष स्टॉक बचेगा।
उद्योग समीक्षकों के अनुसार न तो चीनी की उपलब्धता के प्रति कोई चिंता है न ही पूर्व में निर्मित एथनॉल का किसी अन्य उद्देश्य में इस्तेमाल हो सकता है इसलिए पोट्रोलियम कंपनियों को इसकी बिक्री की जा सकती है। इसमें कोई हर्ज या नुकसान नहीं है।
लेकिन मिलर्स को बी हैवी शिरा से एथनॉल का निर्माण करने की अनुमति देने का निर्णय लेने में सरकार को कुछ समय लग सकता है। हो सकता है कि जून में इसकी स्वीकृति मिल जाए।