iGrain India - नई दिल्ली। अमरीकी कृषि विभाग (उस्डा) ने अपनी नवीनतम मासिक (अप्रैल) रिपोर्ट में भारत से 2023-24 के मार्केटिंग सीजन में चावल का कुल निर्यात घटकर 160 लाख टन पर सिमट जाने का अनुमान लगाया है।
उस्डा की रिपोर्ट के अनुसार चालू सीजन के आरंभ में भारत में 350 लाख टन चावल का पिछला बकाया स्टॉक मौजूद था जबकि सीजन के दौरान 1340 लाख टन का घरेलू उत्पादन होने के आसार हैं।
इस तरह चावल की कुल उपलब्धता 1690 लाख टन पर पहुंचेगी। उल्लेखनीय है कि भारत दुनिया में चावल का सबसे बड़ा निर्यातक देश है और वहां विदेशों से इसका आयात नहीं किया जाता है।
उस्डा रिपोर्ट के मुताबिक 2023-24 सीजन के दौरान भारत में 1180 लाख टन आवक की घरेलू खपत होने की संभावना है जबकि देश से 160 लाख टन चावल के निर्यात का अनुमान है।
इस तरह कुल 1340 लाख टन चावल का उपयोग होगा और मार्केटिंग सीजन के अंत में 350 लाख टन का अधिशेष स्टॉक बच जाएगा।
दरअसल भारत से टुकड़ी चावल (ब्रोकन राईस) एवं गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा हुआ है जबकि सेला चावल पर 20 प्रतिशत का निर्यात शुल्क लागू है। इससे चावल के कुल निर्यात में गिरावट की संभावना बनी हुई है।
उस्डा रिपोर्ट के मुताबिक 2022-23 सीजन के दौरान भारत में 340 लाख टन चावल का पिछला बकाया स्टॉक मौजूद था जबकि 1357.60 लाख टन का घरेलू उत्पादन हुआ।
इसमें से 1145.10 लाख टन चावल की घरेलू खपत हुई और 202.50 लाख टन का निर्यात किया गया। सीजन के अंत में 350 लाख टन चावल का स्टॉक बच गया। सीजन के अंत में 350 लाख टन चावल का स्टॉक बच गया।
इसी तरह 2021-22 के मार्केटिंग सीजन के दौरान भारत में 370 लाख टन चावल का पिछला बकाया स्टॉक मौजूद था और 1294.70 लाख टन का घरेलू उत्पादन हुआ।
इसमें से 1104.50 लाख टन चावल का घरेलू उपयोग तथा 220.30 लाख टन का निर्यात हुआ और सीजन के अंत में 340 लाख टन का स्टॉक बच गया। घरेलू उत्पादन में गिरावट, उपयोग में वृद्धि एवं शिपमेंट पर पाबन्दी के कारण भारत से चावल का निर्यात घटने की संभावना है।