iGrain India - नई दिल्ली। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने देश के प्रमुख गेहूं उत्पादक क्षेत्रों में आज और कल यानी 12 और 13 अप्रैल को बेमौसमी वर्षा होने की संभावना व्यक्त की है।
यह बारिश रबी फसलों और खासकर गेहूं की फसल के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। हालांकि सरसों एवं चना सहित कुछ अन्य रबी फसलों की अधिकांश कटाई-तैयारी पूरी हो चुकी है इसलिए उसके उत्पादकों को ज्यादा कठिनाई नहीं होगी लेकिन गेहूं की अधिकांश फसल अभी खेतों में ही पड़ी है जो परिपक्व होकर पकने के विभिन्न चरण में है।
लगभग सभी राज्यों में इसकी कटाई-तैयारी हो रही है। खतरा उन किसानों के लिए भी है जिसने गेहूं की फसल को काटकर उसे खेतों में सूखने के लिए छोड़ रखा है।
राजस्थान, पंजाब, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में यदि बारिश होती है। तो गेहूं की फसल क्षति ग्रस्त हो सकती है और खासकर इसके दाने बदरंग हो सकते हैं तथा उसमें नमी का अंश बढ़ सकता है।
पंजाब केन्द्रीय पूल में गेहूं का सर्वाधिक योगदान देने वाला राज्य है जहां इस बार 130-132 लाख टन की खरीद का लक्ष्य रखा गया है।
वहां 13 अप्रैल को बैसाखी त्यौहार मनाए जाने के बाद गेहूं फसल की जोरदार कटाई-तैयारी, मंडियों में आवक एवं सरकारी खरीद आरंभ होने की उम्मीद है।
हरियाणा में फसल की कटाई पहले ही शुरू हो चुकी है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश एवं राजस्थान में भी गेहूं की सरकारी खरीद आरंभ हो गई है।
इस बेमौसमी वर्षा से गेहूं की फसल प्रभावित हुई तो किसानों के साथ-साथ सरकार की चिंता भी बढ़ जाएगी जो इस बार कम से कम 310-320 लाख टन की खरीद का प्लान बना रही है ताकि केन्द्रीय बफर स्टॉक का स्तर ऊंचा उठाया जा सके।