iGrain India - मुम्बई । अमरीकी कृषि विभाग की विदेश कृषि सेवा को भारतीय प्रतिनिधि (उस्डा पोस्ट) ने 2024-25 के मार्केटिंग सीजन के दौरान भारत में सोयाबीन का कुल उत्पादन सुधरकर 127.50 लाख टन पर पहुंचने की संभावना व्यक्त की है जो 2023-24 सीजन के अनुमानित उत्पादन 126.00 लाख टन से 2.50 लाख टन ज्यादा है।
उस्डा पोस्ट की नई रिपोर्ट के अनुसार चालू वर्ष में खरीफ सीजन के दौरान भारत में 128.50 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की खेती हो सकती है और 996 किलो प्रति हेक्टेयर की औसत उपज दर के साथ इसकी कुल पैदावार 127.50 लाख टन तक पहुंच सकती है। आमतौर पर भारत में जून से सोयाबीन की बिजाई प्रक्रिया आरंभ हो जाती है।
उस्डा पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक 2024-25 के मार्केटिंग सीजन की शुरुआत के समय भारत में 17.34 लाख टन सोयाबीन का पिछला बकाया स्टॉक मौजूद रहेगा जबकि 127.50 लाख टन के उत्पादन एवं 7.50 लाख टन के संभावित आयात के साथ इसकी कुल उपलब्धता 152.34 लाख टन पर पहुंचेगी।
इसमें से 50 हजार टन सोयाबीन का निर्यात तथा 136.50 लाख टन का घरेलू उपयोग होने की उम्मीद है जिससे मार्केटिंग सीजन के अंत में सोयाबीन का बकाया अधशेष स्टॉक 2 लाख टन घटकर 15.34 लाख टन पर सिमट सकता है।
घरेलू उपयोग के अंतर्गत 110 लाख टन सोयाबीन की क्रशिंग- प्रोसेसिंग होने की संभावना है जबकि प्रत्यक्ष खाद्य उद्देश्य में 13.50 लाख टन और फीड निर्माण में 13 लाख टन का उपयोग होने का अनुमान है।
भारत में सोयाबीन की प्रति इकाई औसत उपज दर अमरीका ब्राजील एवं अर्जेन्टीना आदि की तुलना में काफी नीचे है। इसके फलस्वरूप विशाल क्षेत्रफल में खेती होने के बावजूद यहां सोयाबीन का अपेक्षित उत्पादन नहीं हो पाता है।
भारत में सोयाबीन के चार शीर्ष उत्पादक प्रांतों में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान एवं कर्नाटक शामिल है। इसके अलावा कुछ अन्य राज्यों में भी इसका उत्पादन होता है।