iGrain India - नई दिल्ली । हालांकि केन्द्रीय एजेंसी- नैफेड ने प्रमुख उत्तपदक राज्यों में किसानों से 5650 रुपए प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरसों खरीदना शुरू कर दिया है लेकिन इसकी रफ्तार धीमी होने से कीमतों में नरमी पर ब्रेक नहीं लग पा रहा है। सरकार ने इस बार 23.20 लाख टन सरसों की खरीद का लक्ष्य रखा है जो पिछले साल की खरीद 11.25 लाख टन के दोगुने से भी काफी अधिक है। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा एवं गुजरात सहित सभी उत्पादक राज्यों की मंडियों में नई सरसों की जोरदार आवक हो रही है।
42% कंडीशन सरसों
5 से 11 अप्रैल वाले सप्ताह के दौरान 42 प्रतिशत कंडीशन वाली सरसों का भाव दिल्ली में 25 रुपए एवं जयपुर में 50 रुपए गिरकर क्रमश: 5250 रुपए एवं 5400 रुपए प्रति क्विंटल रह गया जबकि अन्य अधिकांश मंडियों में लूज सरसों का दाम भी नरम पड़ गया। गुजरात की डीसा एवं धनेरा मंडी में सरसों का भाव 155 रुपए घट गया। इसी तरह हरियाणा की विभिन्न मंडियों में 20 से 50 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई। मध्य प्रदेश की मुरैना मंडी में सरसों का भाव 50 रुपए सुधरा लेकिन पोरसा में 50 रुपए घट गया।
राजस्थान
सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त- राजस्थान के गंगानगर में सरसों की कीमत 315 रुपए की जोरदार गिरावट के साथ 4700/4735 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गई लेकिन कोटा में 400 रुपए उछलकर 4800/5000 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गई। बिकानेर में भाव 200 रुपए घट गया। उत्तर प्रदेश के हापुड़ एवं आगरा में भी सरसों का भाव 25-50 रुपए टूट गए।
सरसों तेल
सरसों के नरम भाव से सरसों तेल का दाम भी 10 किलो पर 10-20 रुपए घट गया। दिल्ली में एक्सपेलर का भाव 5 रुपए फिसलकर 1005 रुपए तथा चरखी दादरी में 40 घटकर 970 रुपए प्रति 10 किलो रह गया। मुम्बई में भी 20 रुपए गिरकर 1030 रुपए पर आ गया।
आवक
राष्ट्रीय स्तर पर सरसों की आवक 5 अप्रैल को 7.75 लाख बोरी, 6 अप्रैल को 6.50 लाख बोरी, 8 अप्रैल को 6.00 लाख बोरी, 9 अप्रैल को 7.25 लाख बोरी, 10 अप्रैल को 9.25 लाख बोरी तथा 11 अप्रैल को 9.00 लाख बोरी दर्ज की गई। प्रत्येक बोरी 50 किलो की होती है।