iGrain India - नई दिल्ली । घरेलू प्रभाग में दाल- दलहनों की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाने तथा कीमतों को नियंत्रित रखने के उद्देश्य से सरकार विभिन्न देशों से दलहनों का आयात सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है ताकि कुछ ही देशों पर आयात के लिए निर्भर न रहना पड़े।
इसके तहत ब्राजील एवं अर्जेन्टीना जैसे लैटिन अमरीकी देशों के साथ कई दौर की बातचीत के बाद अब दीर्घकालीन करार की कोशिश हुई है।
वरिष्ठ आधिकारिक सूत्रों के अनुसार ब्राजील से पहली बार 20 हजार टन उड़द के आयात की संभावना है जबकि अर्जेन्टीना से तुवर का आयात किया जाएगा जिसकी मात्रा निश्चित नहीं है। ध्यान देने की बात है कि भारत संसार में दलहनों का सबसे प्रमुख उत्पादक एवं खपतकर्ता देश है।
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के अनुसार दलहनों का कुल घरेलू उत्पादन 2022-23 सीजन के 261 लाख टन से घटकर 2023-24 सीजन में 234 लाख टन पर सिमट जाने का अनुमान है।
दलहनों में खुदरा महंगाई का स्तर अब भी काफी ऊंचे स्तर पर बरकरार है जिसे नीचे लाने के लिए सरकार हर संभव कोशिश कर रही है। फरवरी में यह खुदरा महंगाई दर 18.90 प्रतिशत थी जो मार्च में फिसलकर 17.71 प्रतिशत रह गई।
सरकारी अधिकारियों का कहना है कि दलहनों की उपलब्धता एवं कीमत- दो ऐसे कारक है जिस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। भारत सरकार ने ब्राजील तथा अर्जेन्टीना के साथ अनेक दौर की बातचीत की।
वहां उड़द एवं तुवर की खेती के लिए मौसम अनुकूल रहता है जबकि वहां इसकी घरेलू मांग एवं खपत ज्यादा नहीं होती है। भारत फिलहाल उड़द एवं तुवर के आयात के लिए मुख्यत: म्यांमार एवं अफ्रीकी देशों पर निर्भर है यदि लैटिन अमरीकी देशों से आयात बढ़ता है तो यह आयातकों के लिए नया विकल्प होगा।
मसूर का आयात ऑस्ट्रेलिया एवं कनाडा से हो रहा है। घरेलू प्रभाग में भी दलहनों का उत्पादन बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।