iGrain India - नई दिल्ली । सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि 1 अप्रैल 2024 को केन्द्रीय पूल में 376.59 लाख टन खाद्यान्न का स्टॉक मौजूद था जिसमें 301.57 लाख टन चावल एवं 75.02 लाख टन गेहूं की मात्रा शामिल थी।
इसके मुकाबले 1 अप्रैल 2023 को 248.60 लाख टन चावल तथा 83.45 लाख टन गेहूं के साथ 332.85 लाख टन खाद्यान्न का स्टॉक उपलब्ध था। वर्ष 2022 में 1 अप्रैल को 513.12 लाख टन तथा वर्ष 2021 में 564.22 लाख टन खाद्यान्न का भारी-भरकम स्टॉक पास हुआ था।
प्रचलित नियम के अनुसार 1 अप्रैल को केन्द्रीय पूल में कम से कम 74.80 लाख टन गेहूं का स्टॉक अवश्य मौजूद होना चाहिए। इस वर्ष का स्टॉक उस न्यूनतम आवश्यक मात्रा से महज 22 हजार टन ज्यादा है।
यह स्टॉक पिछले अनेक साल का न्यूनतम स्तर है। दरअसल 28 जून 2023 से 28 फरवरी 2024 के दौरान खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत 94.10 लाख टन गेहूं की रिकॉर्ड बिक्री होने से केन्द्रीय पूल में इसका स्टॉक घटकर न्यूनतम स्तर पर आ गया।
सरकार को इसका एहसास था और इसलिए उसने चालू वर्ष के दौरान 1 मार्च से ही गेहूं खरीद की प्रक्रिया शुरू करने का प्लान लगाया था लेकिन कुछ कारणों से यह संभव नहीं हो सका। इससे स्टॉक में बढ़ोत्तरी नहीं हो पाई।
गेहूं की सरकारी खरीद की गति आगामी समय में तेज होने की संभावना है। वैसे अभी कुछ राज्यों में मौसम की हालत पूरी तरह ठीक नहीं है इसलिए गेहूं फसल की कटाई-तैयारी में बाधा पड़ सकती है।
पंजाब पर सबकी नजर टिकी हुई है जो केन्द्रीय पूल में गेहूं का सर्वाधिक योगदान देने वाला प्रान्त है। वहां आमतौर पर 1 अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू हो जाती है मगर इस बार 10 अप्रैल तक आरंभ नहीं हो सकी।
इसके अलावा 1 अप्रैल 2024 को केन्द्रीय पूल में 343.24 लाख टन धान तथा 3.83 लाख टन मोटे अनाजों का स्टॉक भी उपलब्ध था।