iGrain India - भोपाल । मौसम के बदले मिजाज तथा प्राकृतिक आपदाओं के प्रकोप से इस वर्ष मध्य प्रदेश के अनेक जिलों में गेहूं की फसल को काफी नुक्सान हुआ है।
बेमौसमी वर्षा, आंधी- तूफान तथा ओलावृष्टि के कारण गेहूं के दाने की क्वालिटी प्रभावित हुई है और इसकी चमक घट गई है।
इससे किसानों को भारी नुकसान हो सकता था लेकिन सरकार ने उसे राहत देते हुए कहा है कि 30 प्रतिशत तक कम चमक वाले गेहूं की खरीद उसी दर से की जाएगी जिस दर से सामान्य औसत क्वालिटी (एफ ए क्यू) वाले गेहूं की खरीद हो रही है।
उल्लेखनीय है कि चालू रबी मार्केटिंग सीजन के लिए केन्द्र सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2275 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है जबकि मध्य प्रदेश एवं राजस्थान में इस पर 125 रुपए का अतिरिक्त बोनस देकर किसानों से 2400 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीदा जा रहा है।
मध्य प्रदेश में इस प्राकृतिक आपदाओं से जनकपुर, उज्जैन, इंदौर तथा खारगौन जैसे जिलों में गेहूं की फसल क्षतिग्रस्त होने की सूचना मिल रही है।
इन सभी जिलों में खरीद एजेंसियों को निर्देश दिया गया है कि 30 प्रतिशत तक चमकहीन (लस्टर लॉस) गेहूं की खरीद सामान्य मूल्य स्तर पर किया जाए और उसमें कोई कटौती न हो।
क्रय केन्द्रों पर खरीदे गए गेहूं का यथाशीघ्र परिवहन सुनिश्चित हो और उसे गोदामों तक जल्दी से जल्दी पहुंचाने के लिए अतिरिक्त ट्रकों का इंतजाम किया जाए।
क्रय केन्द्रों पर सीमित माध्यम से अतिरिक्त तौल कांटे, हम्माल अथवा तुलावरी का प्रबंध किया जाना चाहिए। गेहूं की जोरदार आवक का समय आरंभ हो गया है और सरकार इस बार अधिक से अधिक मात्रा में इसकी खरीद करना चाहती है क्योंकि केन्द्रीय पूल में इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न का स्टॉक घटकर पिछले अनेक वर्षों के निचले स्तर पर आ गया है।
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश गेहूं के उत्पादन में उत्तर प्रदेश के बाद दूसरे नम्बर पर है जबकि केन्द्रीय पूल में इस खाद्यान्न का सर्वाधिक योगदान देने वाले राज्यों में पंजाब के बाद दूसरे स्थान पर रहता है इसलिए वहां इसकी भारी खरीद होने की उम्मीद रहती है। राज्य में मध्य मार्च से ही गेहूं की खरीद आरंभ हो गई थी और अब इसकी रफ्तार बढ़ने लगी है।