iGrain India - सस्काटून । हालांकि शीतकाल के साथ-साथ पतझड़ के मौसम में भी बारिश तथा हिमपात होने से अमरीका तथा कनाडा में खेतों की मिटटी में नमी का अंश बढ़ा था और ग्रीष्मकाल में बर्फ के पिछलने से भी कुछ पानी प्राप्त हो सकता है लेकिन एक मौसम एजेंसी ने कहा है कि गर्मी के महीनों में अमरीका के अधिकांश भाग तथा कनाडा में प्रेयरीज क्षेत्र के कई इलाकों में वर्षा की कमी से सूखे का माहौल बन सकता है।
उल्लेखनीय है कि इन दोनों देशों में बसंतकालीन फसलों की बिजाई आरंभ हो चुकी है जो कमोबेश जून तक जारी रहेगी। नई फसल की कटाई-तैयारी अगस्त-सितम्बर में शुरू होगी।
मई से जुलाई तक का मौसम इन दोनों देशों में फसलों के लिए अत्यन्त महत्वूर्ण माना जाता है। अमरीका का मिडवेस्ट भाग तथा कनाडा का प्रेयरीज क्षेत्र कृषि उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है।
मौसम एजेंसी ने पिछले 18 वर्षों के मौसम चक्र का अध्ययन-विश्लेषण करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि इस वर्ष गर्मियों में मौसम आमतौर पर शुष्क रहेगा और बारिश कम हो सकती है।
एजेंसी के अनुसार अमरीका के मैदानी भाग में वर्ष 2006, 1988, 1970, 1952, 1934 तथा 1916 में मौसम काफी गर्म एवं सूखा रहा था।
इस वर्षों के दौरान कनाडा में प्रेयरी क्षेत्र के दक्षिण-पूर्वी भाग तथा पश्चिमी मक्का पट्टी में भी गंभीर सूखा पड़ा था। वर्ष 1988 तथा 1934 में जो उत्तरी अमरीका महाद्वीप के इतिहास में सबसे भयंकर सूखे का प्रकोप देखा गया था।
मौसम एजेंसी को अमरीका में मक्का और सोयाबीन फसल की चिंता सता रही है है। उसका कहना है कि वर्ष 2024 का मौसम उम्मीद से ज्यादा गर्म रह सकता है।
पिछले साल भी अमरीका में भयंकर गर्मी पड़ी थी। जून-जुलाई में मक्का की फसल प्रगति के महत्वपूर्ण चरण में पहुंच जाएगी जबकि यह महीना सबसे ज्यादा गर्म रह सकता है।