iGrain India - नई दिल्ली । विभिन्न वैश्विक मौसम मॉडल से संकेत मिलता है कि जून से सितम्बर के चार महीनों तक सक्रिय रहने वाले दक्षिण-पश्चिम मानसून सीजन के दौरान इस बार देश में अच्छी बारिश होगी।
हालांकि अल नीनो मौसम चक्र लगातार कमजोर पड़ता जा रहा है फिर भी यह मानसून को शुरुआती चरण में आरंभिक रूप से प्रभावित कर सकता है। इसके बाद ला नीना मौसम चक्र सक्रिय होगा जिससे समूचे देश में अच्छी बारिश हो सकती है।
इस वर्ष दीर्घावधि औसत के सापेक्ष देश में 106 प्रतिशत बारिश होने का अनुमान लगाया गया है जिसमें 5 प्रतिशत तक की कमी-वृद्धि हो सकती है। ज्ञात हो कि 1971-2020 की अवधि के लिए मानसून की वर्षा का दीर्घावधि औसत (एफपीए) 87 सेंटी मीटर आंकी गई है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार वर्तमान समय में विषुवतीय प्रशांत क्षेत्र के ऊपर मध्यम श्रेणी के अल नीनो का प्रभाव बरकरार है जो कमोबेश मई-जून तक कायम रह सकता है।
जून में दक्षिण-पश्चिम मानसून का आगमन हो जाता है। इससे प्रतीत होता है कि जून में बारिश पर कुछ असर पड़ सकता है। वैसे मानसून के इस बार सही समय पर आने की संभावना व्यक्त की गई है।
पिछले साल जून में बारिश कम हुई थी जबकि जुलाई में भरपूर वर्षा दर्ज की गई थी।इसके बाद अल नीनो पूरी तरह सक्रिय हो गया था जिससे अगस्त में देश के कई भागों में सूखा पड़ गया था। सितम्बर में बारिश की स्थिति कुछ हद तक सामान्य रही थी।
ध्यान देने की बात है कि देश जुलाई तथा अगस्त को सर्वाधिक वर्षा वाला महीना माना जाता है जबकि खरीफ फसलों की सबसे ज्यादा खेती इसी दो माह में होती है।