iGrain India - चंडीगढ़ । आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि हरियाणा में वर्तमान रबी मार्केटिंग सीजन के दौरान विभिन्न एजेंसियों द्वारा अब तक किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 10 लाख टन गेहूं तथा 5.43 लाख टन सरसों की खरीद की जा चुकी है और इसके मूल्य भुगतान के लिए लगभग 1500 करोड़ रुपए जारी कर दिए गए हैं।
इस बार हरियाणा में गेहूं की खरीद के लिए 417 क्रय केन्द्र तथा सरसों की खरीद के लिए 107 उपार्जन केन्द्र स्थापित किए गए हैं।
हालांकि सरकारी एजेंसी- हैफेड ने 26 मार्च से ही सरसों की खरीद आरंभ कर दी थी और 8-9 अप्रैल तक करीब 3.25 लाख टन की खरीद करके इसकी प्रक्रिया स्थगित कर दी थी और 8-9 अप्रैल तक करीब 3.25 लाख टन की खरीद करके इसकी प्रक्रिया स्थगित कर दी थी लेकिन उसके बाद राज्य भंडारण निगम ने मंडियों में प्रवेश करके सरसों खरीदना शुरू कर दिया।
हरियाणा में इस बार सरसों के शानदार उत्पादन का अनुमान लगाया गया है। मंडियों में भारी आवक होने तथा व्यापारियों एवं मिलर्स द्वारा कीमत मात्रा में खरीद किए जाने से सरसों का भाव घटकर न्यूनतम समर्थन मूल्य से काफी नीचे आ गया था इसलिए जब नैफेड ने इसकी खरीद शुरू की तब महज 15 दिनों के अंदर उसे अपने लक्ष्य को पूरा करने में सफलता मिल गई।
क्रय केन्द्रों पर सरसों की विशाल मात्रा पहुंचती रही। उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य पिछले साल के 5450 रुपए प्रति क्विंटल से 200 रुपए बढ़ाकर इस बार 5650 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है।
जहां तक गेहूं का सवाल है तो अप्रैल के प्रथम सप्ताह में इसकी सरकारी खरीद की गति धीमी रही लेकिन दूसरे सप्ताह में काफी तेज हो गई।
चालू रबी मार्केटिंग सीजन के लिए हरियाणा में 80 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य रखा गया है। राज्य में मई के अंत तक गेहूं खरीदने की प्रक्रिया जारी रहेगी। इस बार वहां उत्पादन भी बेहतर होने की उम्मीद है।