iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रिय वाणिज्य मंत्रालय की अधीनस्थ एजेंसी- कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादन निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) द्वारा संकलित आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल 2023 से फरवरी 2024 के ग्यारह महीनों में देश से कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात से 22.5 अरब डॉलर की आमदनी हुई जो वित्त वर्ष 2022-23 की समान अवधि को निर्यात आय 24.10 अरब डॉलर से करीब 7 प्रतिशत कम रही।
समीक्षाधीन अवधि के दौरान बासमती चावल की निर्यात आय 22 प्रतिशत उछलकर 5.2 अरब डॉलर पर पहुंची और कुल निर्यात आमदनी में इसकी भागीदारी 23 प्रतिशत रही। इसकी निर्यात मात्रा भी 41 लाख टन से बढ़कर 46.80 लाख टन हो गई।
लेकिन दूसरी ओर गैर बासमती चावल का निर्यात 29 प्रतिशत लुढ़ककर 5.23 अरब डॉलर पर सिमट गया। 2022-23 के 161 लाख टन से घटकर 2023-24 में 101 लाख टन पर अटक गई। इसके बावजूद समीक्षाधीन अवधि के दौरान कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों की सकल निर्यात आय में बासमती एवं गैर बासमती चावल की भागीदारी 41.5 प्रतिशत दर्ज की गई।
मालूम हो कि सरकार ने 20 जुलाई 2023 को गैर बासमती सफेद (कच्चे) चावल के व्यापारिक निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। सरकारी स्तर पर इसका निर्यात जारी रहा।
वित्त वर्ष 2022-23 की तुलना में 2023-24 के शुरूआती 11 महीनों के दौरान मीट, डेयरी एवं पॉल्ट्री उत्पादों का निर्यात 13 प्रतिशत बढ़कर 4.11 अरब डॉलर तथा प्रसंस्कृत फलों एवं सब्ज़ियों का निर्यात 1 प्रतिशत सुधरकर 2 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
दलहनों का निर्यात 55.50 करोड़ डॉलर से सुधरकर 55.60 करोड़ डॉलर तथा मूंगफली का निर्यात 10 प्रतिशत बढ़कर 77.80 करोड़ डॉलर पर पहुंचा अगर ग्वार गम का निर्यात लगभग 15 प्रतिशत घटकर 48.80 करोड़ डॉलर पर सिमट गया।
भारत ग्वार गम का सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश है। गेहूं तथा अन्य अनाजों के निर्यात में भारी गिरावट आई। दलहनों का निर्यात 6.44 लाख टन से घटकर 5.07 लाख टन तथा अनाजों का निर्यात 33.87 लाख टन से लुढ़ककर 15.37 लाख टन पर अटक गया।