iGrain India - नई दिल्ली । भारत में म्यांमार से तुवर और उड़द का बड़े पैमाने पर आयात किया जाता है। जब तक दोनों देशों के बिच अमरीकी डॉलर में कारोबार दे रहा था मगर अब स्थानीय मुद्रा में व्यापारिक लेन-देन की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है।
केन्द्र सरकार का कहना है कि द्विपक्षीय व्यापार में भारत के रुपया एवं म्यांमार के क्यात का प्रचलन आरंभ होने से भुगतान की प्रक्रिया आसान और सरल हो गई है। म्यांमार भारत का पूर्वोत्तर पड़ोसी देश है।
उपभोक्ता मामले विभाग के एक बयान में कहा गया है कि आयातकों से पंजाब नेशनल बैंक (NS:PNBK) के माध्यम से स्पेशल रूपी वोस्त्रो अकाउंट (एसआरवीएस) का इस्तेमाल करते हुए रुपया / क्यात डायरेक्ट पेमेंट सिस्टम का उपयोग करने के लिए कहा गया है।
भारत को घरेलू मांग एवं खपत को पूरा करने के लिए विदेशों से विशाल मात्रा में दलहनों के आयात की आवश्यकता पड़ती है। म्यांमार से मुख्यत: उड़द और तुवर का आयात होता है जबकि ऑस्ट्रेलिया- कनाडा से मसूर, रूस-कनाडा से पीली मटर तथा अफ्रीकी देशों से तुवर एवं चना का आयात किया जाता है।
म्यांमार ने दलहन के आयात का मुद्दा हाल के वर्षों में कुछ जटिल हो गया है। भारत में तुवर एवं उड़द के कमजोर उत्पादन तथा ऊंचे भाव को देखते हुए म्यांमार के उत्पादकों एवं निर्यातकों ने मनमाने ढंग से दलहनों का भाव बढ़ाकर अनुचित फायदा उठाने का प्रयास किया।
सरकार को संदेह है कि कुछ भारतीय आयातकों ने म्यांमार के निर्यातकों से अनुबंध तो कर लिया मगर दलहनों के शिपमेंट में देर कर दी। अफ्रीकी देशों से भी तुवर के आयत में कुछ बाधा पड़ी।
रुपया / क्यात प्रत्यक्ष भुगतान प्रणली शुरू होने से भारतीय आयातकों एवं म्यांमार के निर्यातकों को डॉलर या किसी अन्य विदेशी मुद्रा में कारोबार की जरूरत नहीं पड़ेगी और जटिलता तथा खर्च में कमी आएगी। संशोधित विनिमय दर के आलोक में म्यांमार के दलहनों का भारतीय रुपए में कितना मूल्य बैठेगा - इसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।