iGrain India - नई दिल्ली । पूर्व अनुमान के विपरीत चालू सीजन के दौरान चीनी के घरेलू उत्पादन में ज्यादा गिरावट आने की संभावना नहीं है क्योंकि एक तो एथनॉल निर्माण में सीमित मात्रा के इस्तेमाल की अनुमति दिए जाने से चीनी के उत्पादन के लिए गन्ना की अधिक मात्रा प्राप्त हो रही है और दूसरे, गन्ना से चीनी (सुक्रोज) की औसत रिकवरी दर में भी सुधार आया है।
शीर्ष उद्योग संस्था- इस्मा के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि चालू मार्केटिंग सीजन में 1 अक्टूबर 2023 से 15 अप्रैल 2024 के दौरान देश में चीनी का शुद्ध उत्पादन 310.93 लाख टन पर पहुंचा जो 2022-23 सीजन की समान अवधि के उत्पादन 312.38 लाख टन से करीब 1.45 लाख टन कम है।
लेकिन इस बार चीनी मिलों के बदं होने की गति गत वर्ष से काफी तेज देखी जा रही है। अप्रैल 2024 के प्रथम पखवाड़े के दौरान देशभर में 128 चीनी मिलें बंद हुईं जबकि पिछले साल 1-15 अप्रैल के दौरान केवल 55 इकाइयां बंद हुई थी।
चालू मार्केटिंग सीजन में कुल 532 चीनी मिलों में गन्ना क्रशिंग शुरू हुई थी जिसमें से 448 इकाइयां 15 अप्रैल 2024 तक बंद हो गई और 84 प्लांट ही क्रियाशील रह गए।
क्रियाशील प्लांटों में उत्तर प्रदेश में 42, महाराष्ट्र में 15, तमिलनाडु में 16 तथा अन्य राज्यों में 11 इकाइयां शामिल है। इस्मा के अनुसार कर्नाटक की सभी 78 तथा गुजरात की सभी 17 चीनी मिलें बंद हो चुकी हैं।
पिछले मार्केटिंग सीजन के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर कुल 533 चीनी मिलों में गन्ना की क्रशिंग शुरू हुई थी और 15 अप्रैल 2023 तक उसमें से 401 इकाइयां बंद हुई थीं। इसके बावजूद 132 प्लांटों में गन्ना की क्रशिंग जारी थी।
महाराष्ट्र की सभी इकाइयां 15 अप्रैल 2023 तक बंद हो गई थी। चालू सीजन में चीनी मिलों को गन्ना की आपूर्ति अब धीरे-धीरे घटने लगी है और ऐसा लगता है कि अप्रैल के अंत अथवा मई के प्रथम पखवाड़े तक अधिकांश चीनी मिलें बंद हो जाएगी। चीनी का कुल उत्पादन 315-320 लाख टन के बीच हो सकता है।