iGrain India - नई दिल्ली । महाराष्ट्र में इस बार चीनी का उत्पादन आरंभिक अनुमान से काफी अधिक होने के संकेत मील रहे हैं जबकि उत्तर प्रदेश के उत्पादन में उम्मीद के अनुरूप ही बढ़ोत्तरी होने की संभावना है।
हालांकि कर्नाटक एवं गुजरात में गिरावट के साथ चीनी के उत्पादन की प्रक्रिया बंद हो चुकी है और तमिलनाडु सहित देश के अन्य उत्पादक राज्यों में भी कुल मिलाकर चीनी का उत्पादन गत वर्ष से सीधे है लेकिन महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के बेहतर प्रदर्शन के आधार पर 2023-24 के सम्पूर्ण मार्केटिंग सीजन में चीनी का कुल उत्पादन 320 लाख टन पर या इससे ऊपर पहुंच जाने का अनुमान लगाया जा रहा है।
ध्यान देने की बात है कि इस बार मध्य अप्रैल तक देश में करीब 311 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ और अब 532 इकाइयों में से केवल 84 मिलें ही क्रियाशील हैं जबकि शेष 448 इकाइयां बंद हो चुकी हैं।
उत्तर प्रदेश में 42 तथा महाराष्ट्र में 15 इकाइयों में गन्ना की क्रशिंग हो रही है। समझा जाता है कि शीघ्र ही केवल तमिलनाडु को छोड़कर शेष राज्यों में चीनी मिलें बंद हो सकती है।
कर्नाटक एवं तमिलनाडु में जुलाई-अगस्त के दौरान गन्ना क्रशिंग का विशेष स्तर आयोजित किया जाता है और उसमें करीब 2 लाख टन चीनी का उत्पादन होता है।
15 अप्रैल तक महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन 105.90 लाख टन से उछलकर 109.20 लाख टन तथा उत्तर प्रदेश में 96.70 लाख टन से बढ़कर 101.45 लाख टन पर पहुंचा।
चूंकि महाराष्ट्र में केवल 15 मिलें ही चालू हैं इसलिए वहां चीनी के उत्पादन में अब भारी बढ़ोत्तरी की उम्मीद नहीं है लेकिन उत्तर प्रदेश में उत्पादन बढ़ सकता है क्योंकि वहां 42 इकाइयों में गन्ना की क्रशिंग अभी जारी है।
कर्नाटक, गुजरात और तमिलनाडु में चीनी के उत्पादन में गिरावट आई है। कर्नाटक और गुजरात में सभी चीनी मिलें बंद हो चुकी हैं।
चीनी के अन्य प्रमुख उत्पादक राज्यों में बिहार, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना आदि शामिल हैं।