iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि मार्च 2023 के मुकाबले मार्च 2024 के दौरान भारत से फलों, सब्जियों एवं मसालों के निर्यात में भारी बढ़ोत्तरी हुई मगर ऑयल मील के शिपमेंट में गिरावट आ गई। लेकिन वित्त वर्ष 2022-23 की तुलना में 2023-24 (अप्रैल-मार्च) के दौरान चारों उत्पादों का निर्यात अधिक हुआ।
मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष मार्च में मसालों का निर्यात 51 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के साथ 57.56 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया मगर ऑयल कमी का निर्यात 45.2 प्रतिशत घटकर 14.24 करोड़ डॉलर पर सिमट गया।
उसी तरह तिलहनों का निर्यात भी 23.3 प्रतिशत की गिरावट के साथ 13.40 करोड़ डॉलर पर अटक गया। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल 2023 से मार्च 2024 के दौरान देश से 4.25 अरब डॉलर मूल्य के मसालों एवं मसाला उत्पादों का निर्यात हुआ जो वित्त वर्ष 2022-23 से 12.3 प्रतिशत अधिकतम रहा।
मार्च में चावल का निर्यात 2.9 प्रतिशत गिरकर 1.09 अरब डॉलर तथा अन्य अनाजों का निर्यात 66 प्रतिशत घटकर 2.82 करोड़ डॉलर पर सिमट गया।
जहां तक पूरे वित्त वर्ष की बात है तो चावल का निर्यात 6.5 प्रतिशत गिरकर 10.41 अरब डॉलर तथा अन्य अनाजों का निर्यात 56.6 प्रतिशत घटकर 51.78 करोड़ डॉलर पर अटक गया। चाय और कॉफी के निर्यात में शानदार बढ़ोत्तरी हुई।
भारत दुनिया में मसालों का सबसे प्रमुख उत्पादक उपभोक्ता एवं निर्यातक देश है। यहां लगभग सभी किस्मों के मसालों का उत्पादन होता है और उसमें से अधिकांश किस्मों का निर्यात किया जाता है।
होने वाले प्रमुख मसालों में लाल मिर्च, जीरा, हल्दी, धनिया, कालीमिर्च, सौंठ, लहसुन, जावित्री जायफल तथा छोटी इलायची आदि शामिल है। दुनिया के 100 से अधिक देशों को भारत से मसालों का निर्यात किया जाता है।