iGrain India - नई दिल्ली । हालांकि विभिन्न नियन्त्रात्मक सरकारी उपायों के कारण गैर बासमती चावल के निर्यात में जोरदार गिरावट देखी जा रही है लेकिन बासमती चावल का शानदार निर्यात प्रदर्शन जारी है।
वित्त वर्ष 2022-23 के मुकाबले 2023-24 के आरंभिक 11 महीनों के दौरान मात्रा एवं आमदनी की दृष्टि से बासमती चावल के निर्यात में जबरदस्त बढ़ोत्तरी दर्ज की गई जबकि इसका फ्री ऑन बोर्ड औसत इकाई निर्यात ऑफर मूल्य भी ऊंचा रहा।
अप्रैल 2023 से फरवरी 2024 के दौरान देश से करीब 46.70 लाख टन बासमती चावल का निर्यात हुआ। जब मार्च का आंकड़ा इसमें जुड़ेगा तब कुल निर्यात का स्तर और भी ऊंचा हो जाएगा।
मध्य-पूर्व एशिया में भारत से करीब 70 प्रतिशत बासमती चावल का निर्यात होता है इसके प्रमुख आयातक देशों में ईंधन सऊदी अरब, इराक, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत, बहरीन, जॉर्डन एवं ओमान अदि जाता है कि फिलहाल ईरान तथा इराक में बासमती चावल का अच्छा खासा स्टॉक मौजूद है लेकिन अन्य देशों को इसके आयात की जरूरत पड़ेगी। इसके फलस्वरूप भारत से बासमती चावल के निर्यात की गति मार्च के बाद भी तेज रहने की संभावना है।
बासमती धान के उत्पादकों को इस बार अपने उत्पाद का लाभप्रद मूल्य प्राप्त हो रहा है जिससे आगामी खरीफ सीजन में इसका उत्पादन क्षेत्र बढ़ सकता है।
पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली तथा जम्मू कश्मीर के दो जिलों में उत्पादित होने वाले लम्बे दाने के सुगंधित धान को ही बासमती का दर्जा प्राप्त है। भारत के अलावा पाकिस्तान में भी बासमती धान-चावल का उत्पादन होता है मगर इसकी मात्रा सीमित रहती है।