iGrain India - राजकोट । ग्रीष्मकालीन तिल के एक प्रमुख उत्पादक राज्य- गुजरात में इस महत्वपूर्ण तिलहन का बिजाई क्षेत्र गत वर्ष की तुलना में करीब 8 हजार हेक्टेयर या 6.65 प्रतिशत पीछे चल रहा है जबकि बिजाई की प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच गई है।
तिलहन आधिकरिक आंकड़ों के अनुसार गुजरात में इस वर्ष तिल का उत्पादन क्षेत्र 1.15 लाख हेक्टेयर पर ही पहुंचा है जो पिछले साल की सामान अवधि में 1.23 लाख हेक्टेयर से कुछ ऊपर पहुंच गया था।
गुजरात में तिल का सर्वाधिक उत्पादन सौराष्ट्र संभाग में होता है और वहीँ इसके क्षेत्रफल में भारी-गिरावट आई है जबकि अन्य क्षेत्रों में रकबा 47 से 100 प्रतिशत तक बढ़ने की सूचना मिल रही है।
उपलब्ध सरकारी आंकड़ों के अनुसार सौराष्ट्र संभाग में तिल का उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के 1.16 लाख हेक्टेयर से 11.20 प्रतिशत या 13 हजार हेक्टेयर घटकर इस बार 1.03 लाख हेक्टेयर पर सिमट गया। चूंकि अन्य क्षेत्रों में तिल की खेती सीमित क्षेत्रफल में होती है इसलिए वहां रकबा बढ़ने के बावजूद प्रांतीय स्तर पर कुल बिजाई क्षेत्र गत वर्ष से पीछे रह गया।
उत्तरी गुजरात में तिल का उत्पादन क्षेत्र पिछले साल के 1 हजार हेक्टेयर से दोगुना (100 प्रतिशत) बढ़कर इस बार 2 हजार हेक्टेयर पर पहुंच गया।
इसी तरह दक्षिणी गुजरात में तिल का बिजाई क्षेत्र 2200 हेक्टेयर से 81.80 प्रतिशत उछलकर 4 हजार हेक्टेयर हो गया। कच्छ संभाग में भी तिल का उत्पादन क्षेत्र समीक्षाधीन के दौरान 1900 हेक्टेयर से 57.9 प्रतिशत बढ़कर 3 हजार हेक्टेयर पर पहुंचने की सूचना है। मध्य गुजरात में तिल का बिजाई क्षेत्र 1900 हेक्टेयर से 47.35 प्रतिशत बढ़कर 2800 हेक्टेयर पर पहुंचा।
गुजरात में भारी गर्मी पड़ रही है और बारिश का अभाव बताया जा रहा है। यदि अगले कुछ दिनों में एक-दो अच्छी वर्षा हो जाती है तो फसल की हालत काफी हद तक सुधर जाएगी। अगैती बिजाई वाली फसल को अनुकूल मौसम की सख्त आवश्यकता है।