iGrain India - नागपुर । पिछले कुछ महीनों से सूखे का माहौल बरकरार रहने के बाद महाराष्ट्र के विदर्भ एवं भाटापाड़ा संभाग में तेज हवा के साथ अब बेमौसमी वर्षा होने से रबी फसलों को भारी नुकसान होने की सूचना मिल रही है।
पिछले चार महीनों से वहां वर्षा का आभाव होने से सूखे जैसी स्थिति बनी हुई थी। गत सप्ताह राज्य के कई जिलों में बारिश हो गई जिसे फसल के लिए काफी नुकसानदायक माना गया।
लेकिन ताज्जुब की बात है कि राज्य सरकार ने अभी तक न तो इसे एक प्राकृतिक आपदा घोषित किया है और न ही किसानों के लिए किसी राहत की घोषणा की है।
महाराष्ट्र के कुछ अग्रणी न्यूज पेपर में आंधी-वर्षा से रबी फसलों को हुए नुकसान का विस्तृत विवरण छापा गया है मगर फिर भी सरकार ने कोई संज्ञान नहीं लिया है।
कुछ अंग्रेजी समाचार पत्रों में भी पहले सूखा और अब आंधी-वर्षा से फसलों को हुई क्षति की खबर छपी है। राज्य एवं केन्द्र सरकार की चुप्पी से किसान काफी निराश है।
विदर्भ संभाग में नागपुर सहित कई अन्य जिलों में प्राकृतिक आपदाओं से फसलों को नुकसान होने की खबर है। प्राप्त सूचना के अनुसार यवतमाल, अमरावती, अकोला तथा बुलढाना में करीब 50 हजार हेक्टेयर में खड़ी फसलें इस आंधी-वर्षा एवं ओलावृष्टि से क्षतिग्रस्त हुई है। पिछले रविवार तक इसका प्रकोप रहा था।
जिन अन्य जिलों में फसलें सर्वाधिक प्रभावित हुई हैं उसमें वाशिम, अमरावती, जालना, संभाजी नगर तथा बीड मुख्य रूप से शामिल हैं। इन जिलों में मक्का, प्याज, तथा फलों और सब्जियों की फसल को भारी नुकसान हुआ है।
विदर्भ क्षेत्र के पूर्वी भाग (नागपुर एवं वर्धा जिला) तथा पश्चिमी भाग में 8 अप्रैल से ही वर्षा-ओला तथा आंधी का प्रकोप शुरू हो गया था। जो 10 अप्रैल तक जारी रहा। इस अवधि में वहां भारी बारिश हुई।