iGrain India - मुम्बई । ऑल इंडिया शुगर ट्रेड एसोसिएशन (आईस्टा) के वाइस चेयरमैन का कहना है कि यदि सरकार चालू मार्केटिंग सीजन में 10 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति देती है तो भी घरेलू प्रभाग में इसकी पर्याप्त आपूर्ति एवं उपलब्धता बनी रहेगी
और मार्केटिंग सीजन के अंत में उद्योग के पास 70 लाख टन से ज्यादा चीनी का बकाया अधिशेष स्टॉक मौजूद रहेगा जो अगले मार्केटिंग सीजन के शुरुआती तीन महीनों की घरेलू मांग एवं जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त होगा।
चीनी का वैश्विक बाजार भाव अभी ऊंचा चल रहा है और इसके निर्यात से उद्योग को अच्छी आमदनी हो सकती है जिससे गन्ना उत्पादकों के बकाए का भुगतान करने सहायता मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने एक निश्चित मात्रा से आगे एथनॉल निर्माण के लिए गन्ना जूस एवं की हैवी शीरा के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा रखा है।
आईस्टा के अनुसार देश में एथनॉल की आपूर्ति के बारे में कोई खास चिंता नहीं है और इसलिए सरकार को 10 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति देने पर गंभीरतापूर्वक विचार करना चाहिए।
एक अग्रणी चीनी कम्पनी के कार्यकारी निदेशक एवं आईस्टा के वाइस चेयरमैन ने कहा है कि घरेलू प्रभाग में चीनी की पर्याप्त आपूर्ति हो रही है और कीमतों में भी स्थिरता आने लगी है।
पिछले एक दशक के दौरान भारतीय चीनी उद्योग का जबरदस्त विकास-विस्तार हुआ है और भारत चीनी के आयातक देश से ऊपर उठकर निर्यातक देश बन गया है।
पिछले दो वर्षों के दौरान चीनी के उत्पादन की स्थिति बहुत अच्छी नहीं रही लेकिन फिर भी लेकिन मांग एवं जरूरत को पूरा करने में कोई कठिनाई नहीं हुई।
दो वर्ष पूर्व भारत से चीनी का रिकॉर्ड निर्यात हुआ था। आगे भी चीनी उद्योग बेहतर स्थिति में रहेगा। सरकार की सहायक नित्यं चीनी उद्योग के विकास के लिए कारगर साबित हो रही है। महाराष्ट्र और कर्नाटक पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है।