iGrain India - चंडीगढ़ । हरियाणा में आढ़तियों (कमीशन एजेंटों) को सरसों की खरीद पर जीएसटी का भुगतान करने के लिए कहा गया है जिसके विरोध में चरखी दादरी जिले की मंडियों में आढ़तियों ने पिछले चार दिनों से सरसों खरीद बंद कर रखी है।
आढ़तियों का कहना है कि हरियाणा में सरसों की खरीद के लिए प्राधिकृत एजेंसी हैफेड है और आढ़तियों को केवल 70 रुपए प्रति क्विंटल की दर से कमीशन दिया जाता है। हैफेड द्वारा फसल को उठाकर अपने गोदामों में पहुंचाने से पूर्व सरसों की सफाई, मैकेजिंग तथा लोडिंग तक ही आढ़तियों की भूमिका सीमित है।
आढ़तियों के अनुसार चालू सीजन के लिए सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5650 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित हुआ है जिस पर जीएसटी की राशि 282 रुपए प्रति क्विंटल बैठती है।
लेकिन आढ़तियों को कमीशन के रूप में केवल 70 रुपए प्रति क्विंटल की राशि प्राप्त होती है। ऐसी हालत में सरसों खरीदना असंभव हो गया है। कमीशन एजेंटों का यह भी कहना है कि जब मुख्य खरीद एजेंसी हैफेड है तब आढ़तियों को जीएसटी का भुगतान क्यों करना चाहिए। यदि आढ़तिए जीएसटी का भुगतान करने पर राजी हो जाते हैं तो खरीद प्रक्रिया के क्रम में उन्हें अपनी जेब से इसका भुगतान करना पड़ेगा।
कमीशन एजेंटों ने हैफेड को पत्र भेजकर सूचित किया है कि जब तक यह जीएसटी का मामला सुलझ नहीं जाता है तब तक सरसों की खरीद बंद रखी जाए।
चरखी दादरी अनाज मंडी आढ़तियां एसोसिएशन के अध्यक्ष ने इस आशय का एक पत्र हैफेड को भेज दिया है और उसके उत्तर की प्रतीक्षा की जा रही है। मंडी के एक आढ़तियां का कहना है कि कमीशन एजेंटों को वित्तीय नुकसान क्यों झेलना चाहिए जबकि वे सरसों के मुख्य खरीदार ही नहीं हैं।
इस सम्बन्ध में स्थानीय सांसद के साथ-साथ चरखी दादरी जिले के उपयुक्त से भी सम्पर्क करके मामला सुलझाने का आग्रह किया गया मगर अभी तक कोई नतीजा सामने नहीं आया है।