iGrain India - हैदराबाद । छह जिलों- नरायणपेट, कामारेड्डी, निजामाबाद, नगर कुर्नूल, यदाद्रि, भुवनगिरी सिद्धिपेट से प्राप्त प्राथमिकता आंकड़ों के आधार पर तेलंगाना सरकार ने कहा है कि आंधी-वर्षा के प्रकोप से पिछले दो दिनों में 2220 एकड़ जमीन में खड़ी फसलें क्षतिग्रस्त हुई हैं।
क्षति का यह आरंभिक आंकड़ा है जो बाद में बढ़ सकता है। तेलंगाना के कृषि मंत्री ने कहा है कि सम्बन्धित अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने तथा किसानों से फसलों की क्षति की सीमा का विवरण एकत्रित करने का निर्देश दिया गया है।
इसके अलावा कृषि तथा बागवानी विभाग के अधिकारियों से धान की कटाई-तैयारी को देखते हुए पूरी तरह अलर्ट रहने को कहा गया है। किसानों को भी असामयिक वर्षा के कारण फसल नुकसान के दायरे को घटाने या सीमित रखने हेतु सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
कृषि मंत्री के अनुसार जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए फील्ड लेवल के अधिकारियों के साथ सम्पर्क में रहेंगे कि धान की फसल भींगने न पाए और साथ ही साथ अन्य फसलों को भी गीला होने से बचाने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जाएं।
इस उद्देश्य के लिए किसानों को पहले ही 2 लाख से अधिकतारपोलीन कवर उपलब्ध करवाया जा चुका है। खेल-खलिहान के साथ ही मंडियों में तथा सरकारी क्रय केन्द्रों पर भी धान तथा अन्य फसलों की बेमौसमी बारिश से नुकसान होने की आशंका रहती है।
तेलंगाना में खरीफ के साथ-साथ रबी सीजन के दौरान भी धान की खेती बड़े पैमाने पर होती है और वह वस्तुतः रबी कालीन धान-चावल का सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त है।
यद्यपि वहां इस बार धान के क्षेत्रफल में कुछ गिरावट आ गई और कुछ क्षेत्रों में वर्षा का अभाव भी रहा लेकिन फिर भी कुल मिलाकर उत्पादन सामान्य होने की उम्मीद है। किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की सरकारी खरीद बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।