iGrain India - भटिंडा । गेहूं की खरीद के आरंभिक आंकड़ों से पता चलता है कि पंजाब में प्राइवेट फर्मों तथा फ्लोर मिलर्स द्वारा इस बार इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न की खरीद में अच्छी दिलचस्पी दिखाई जा रही है।
समझा जाता है कि समूचे पंजाब की मंडियों में गेहूं की अब तक जितनी आवक हुई है उससे करीब 6 प्रतिशत भाग की खरीद गैर सरकारी फर्मों द्वारा की गई।
पंजाब सरकार का अनुमान है कि चालू रबी मार्केटिंग सीजन के दौरान के दौरान राज्य की मंडियों में 130-132 लाख टन गेहूं की आवक होगी जिसे सरकारी एजेंसियों द्वारा खरीदा जाएगा। दूसरी ओर विश्लेषकों का कहना है कि इस बार गेहूं की प्राइवेट खरीद भी 10 लाख टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच सकती है।
आधिकारियों के अनुसार अगले दो सप्ताहों के दौरान पंजाब की मंडियों में रोजाना एक लाख टन से अधिक गेहूं की आवक होती रहेगी और इसकी खरीद की रफ्तार भी तेजी से बढ़ेगी पंजाब केन्द्रीय पूल में गेहूं का सर्वाधिक योगदान देने वाला राज्य है।
वहां 1 अप्रैल से इसकी सरकारी खरीद का औपचारिक सीजन आरंभ हुआ है। शुरुआती कुछ दिनों तक आवक बहुत कम हुई लेकिन अब तेजी से बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं।
पंजाब मंडी बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार चालू माह के आरंभिक तीन सप्ताहों के दौरान राज्य के 22 जिलों की विभिन्न मंडियों में कुल 24.80 लाख टन गेहूं की आवक हुई।
इसमें से 1.42 लाख टन की खरीद प्राइवेट फर्मों द्वारा की गई जबकि सरकारी एजेंसियों ने 19.23 लाख टन की खरीद की। यह 21 अप्रैल तक का आंकड़ा है।
पंजाब में अब गेहूं की जोरदार आवक होने की उम्मीद की जा रही है। केन्द्र सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पिछले साल के 2125 रुपए प्रति क्विंटल से 150 रुपए बढ़ाकर चालू सीजन के लिए 2275 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है और पंजाब में इसी समर्थन मूल्य पर किसानों से गेहूं खरीदा जा रहा है।
प्राइवेट फर्म किसानों से 2350 रुपए प्रति क्विंटल तक के ऊंचे मूल्य स्तर पर गेहूं खरीदने से नहीं हिचक रही है। पिछले साल राज्य में कुल 127 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी जिसमें प्राइवेट फर्मों की भागीदारी 4.50 लाख टन या करीब 3.5 प्रतिशत रही थी। इसी बार हिस्सेदारी 10 लाख टन तक पहुंचने के आसार हैं।