iGrain India - कीव । हाल के दिनों में यूक्रेन पर रूस के हमले बढ़ गए हैं। रूस खासकर यूक्रेन के ऊर्जा आपूर्ति सिस्टम को निशाना बना रहा है जिससे बिजली आपूर्ति प्रभावित होने लगी है। कुछ रिफाइनरी को बिजली की समस्या से जूझना पड़ रहा है और सूरजमुखी की क्रशिंग पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
हाल ही में यूक्रेन के युज्नी बंदरगाह पर रूस का हमला हुआ और फिर एक विदेशी फर्म की रिफाइनरी पर हवाई हमला किया गया। इसके बावजूद चालू माह के दौरान यूक्रेन से जल मार्ग के जरिए करीब 35 लाख टन का निर्यात हो गया।
चोर्नोमोर्स्क बंदरगाह से 13 लाख टन, पिवडेक्सी बंदरगाह से 8.80 लाख टन, ओडेसा से 8.18 लाख टन तथा डेन्यूब जल मार्ग से 4.56 लाख टन कृषि उत्पादों का शिपमेंट किया गया।
तमाम चुनौतियों के बावजूद यूक्रेन के पास तेल (पेट्रोलियम) का अच्छा स्टॉक मौजूद है लेकिन इसका दाम तेज होने लगा है जिससे कृषि उत्पादों के निर्यात पर असर पड़ेगा।
दरअसल यूक्रेन के निर्यातक अब बंदरगाहों के आसपास अपने स्टॉक का भंडारण करने से हिचकने लगे हैं जिससे सीधे फैक्ट्रियों से लोडिंग के लिए मांग बढ़ सकती है। सूरजमुखी का भाव पिछले कुछ दिनों से स्थिर बना हुआ है।
सूरजमुखी सीड के खरीदारों के लिए डीएपी यूक्रेन भाव 340-355 डॉलर प्रति टन, सीएसएफओ (क्रूड सूरजमुखी तेल) का दाम 810-820 डॉलर प्रति टन रिफाइंड तेल का फैक्ट्री लेबल मूल्य 900-935 डॉलर प्रति टन, सूरजमुखी मील का एक्स फैक्ट्री भाव 170-190 सीपीटी जबकि निर्यात ऑफर मूल्य 195-200 डॉलर प्रति टन चल रहा है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार के लिए सूरजमुखी तेल का भारत पहुंच मूल्य यूक्रेन में 960-970 डॉलर प्रति टन एवं चीन पहुंच के लिए 910-930 डॉलर प्रति टन चल रहा है।
यूक्रेन में वर्ष 2024 के लिए रेपसीड का उत्पादन अनुमान संशोधित करके अब 43 लाख टन निर्धारित किया गया है। यूक्रेन से सूरजमुखी तेल का निर्यात बड़े पैमाने पर किया जाता है।