iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार की फ्लैशशिप योजना-प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लागू करने वाले राज्यों की संख्या इस वर्ष बढ़कर 22 तक पहुंच जाने की संभावना है क्योंकि झारखंड तथा तेलंगाना में खरीफ सीजन से इस योजना के लिए किसानों का नामांकन आरंभ हो जाने के आसार हैं।
बिहार के साथ भी इस योजना में दोबारा शामिल होने के लिए बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है लेकिन गुजरात ने अभी तक अपना ठोस संकेत नहीं दिया है।
उल्लेखनीय है कि आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और झारखंड ने वर्ष 2020 में फसल बीमा योजना का छोड़ दिया था जबकि बिहार और पश्चिम बंगाल उससे पहले ही इस योजना से बाहर निकल गए थे।
वशिष्ठ आधिकारिक सूत्रों के अनुसार आगामी खरीफ सीजन से झारखंड तथा तेलंगाना के इस फसल बीमा योजना से जुड़ने की उम्मीद है लेकिन बिहार के इस बार शामिल होने की संभावना बहुत कम है क्योंकि उसके पास ज्यादा समय नहीं रह गया है।
झारखंड ने पिछले साल प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से दोबारा जुड़ने का फैसला किया था जबकि तेलंगाना में नई सरकार बनने के बाद फरवरी 2024 में इस आशय का निर्णय लेते हुए केन्द्र को सूचित किया गया।
वर्ष 2024 के खरीफ सीजन के लिए 1 अप्रैल से फसल बीमा योजना में नामांकन का समय आरंभ हो चुका है मगर अभी तक केवल हिमाचल प्रदेश में ही इसकी प्रक्रिया आरंभ हुई है।
आमतौर पर 31 जुलाई तक नामांकन की प्रक्रिया जारी रहती है मगर विभिन्न राज्यों में इसकी अवधि अलग-अलग होती है और कई बार विभिन्न फसलों के लिए भी अलग-अलग समय पर नामांकन की समय सीमा निर्धारित की जाती है। प्रीमियम की दर को 1 अप्रैल से पहले ही नियत करना आवश्यक होता है लेकिन राज्यों द्वारा इस नियम का पूरी तरह पालन नहीं किया जाता है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एक गैर राजनीतिक स्कीम है जिसका उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदाओं के समय राहत दिलाना है। इसके तहत फसल के क्षतिग्रस्त होने पर उत्पादकों को मुआवजा प्रदान किया जाता है।